अमरोहा। इन दिनों बुखार के साथ-साथ डेंगू और मलेरिया का खतरा बना हुआ है। स्कूली बच्चों भी इसका खतरा मंडरा रहा है। इसके चलते परिषदीय स्कूलों के बच्चों को बीमारियों से बचाव का पाठ पढ़ाया जाएगा। विद्यालय के अध्यापक अभिभावकों के साथ बैठक कर बीमारियों के रोकथाम पर चर्चा करेंगे। साथ ही बच्चों को बचाव के उपाय बताऐंगे।
जिले में 1276 परिषदीय विद्यालय हैं। जिनमें एक लाख से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं। देखा जाता है कि कई स्कूल परिसर व उसके आसपास घास, गंदगी व कीचड़ की समस्या रहती है। इससे मच्छरों के पनपने का मौका मिलता है। अब जब इन दिनों बुखार व डेंगू का खतरा बना हुआ है तो समस्या बढ़ने की आशंका बन रही है। इससे ग्रामीणों के साथ-साथ स्कूली बच्चे भी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।
ऐसे में स्कूली बच्चों को भी जागरूक करने की कवायद शुरू हुई है। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को बीमारियों से बचाव का पाठ पढ़ाया जाएगा। बीएसए डॉ. मोनिका ने बताया कि प्रधानाध्यापकों
को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालय परिसर व उसके आसपास की जगह पर साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए। अध्यापक व अभिभावक बैठक करेंगे। अभिभावकों को मौसमी बीमारियों के बारे के बचाव के बारे में बताया जाएगा। वहीं, बच्चों को फुल आस्तीन के कपड़े पहनाकर विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित किया जाएगा। वहीं, शिक्षक बच्चों को कक्षा में बीमारियों से बचाव के उपाय बताएंगे.
दवा का छिड़काव कराने के दिए निर्देश
बीएसए ने बताया कि प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालयों के आसपास कहीं जलभराव है तो वहां व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए ग्राम प्रधान व निकाय के प्रतिनिधियों से संपर्क करें। साथ ही लार्वा रोधी दवा का छिड़काव कराएं। स्कूलों में रखे गमलों में पानी एकत्र न होने दें। साथ ही मौके पर पड़े बोतल व टायर को भी वहां से हटवा दें।