डॉ0 दिनेश चंद्र शर्मा की रणनीतियां
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सम्मानित साथियों,
आज उत्तर प्रदेश सरकार कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों का मर्जर( मर्डर) कर रही है और 100 छात्र संख्या से कम उच्च प्राथमिक व 150 छात्र संख्या से कम वाले प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित कर रही है, मोटे तौर पर देखें तो यह प्राथमिक शिक्षा को पूरी तरह तहस नहस करने की योजना है, यह अस्तित्व बचाने का समय है क्योंकि यह अस्तित्व का संकट है। प्रदेश नेतृत्व ने संघर्ष के चरणबद्ध कार्यक्रमो की घोषणा की है जो पूरे प्रदेश में गतिमान है। प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश चंद्र शर्मा को इसका पूरा एहसास है कि यह लड़ाई बड़ी है और इस लड़ाई को केवल शिक्षक भवन 87/9 लखनऊ के एक कमरे से नहीं लड़ा जा सकता बल्कि इस बड़ी लड़ाई के लिए जन समर्थन की जरूरत होगी, इसी लिए उन्होंने इस संघर्ष की पूरी रूप रेखा ही नए दृष्टिकोण से तैयार की है, उन्होंने अपने संघर्ष के प्रत्येक चरण में जन सहभागिता व जनसमर्थन पर जोर दिया है, विद्यालय प्रबन्ध समितियों, अभिभावकों, ग्राम प्रधानों की सहमति लेने की उनकी योजना के पीछे यही तथ्य है कि इस मर्जर के विरुद्ध अधिक से अधिक जनजागरण किया जाय व जनसमर्थन जुटाया जाय। हमें डॉक्टर दिनेश चंद्र शर्मा की रणनीतियों पर पूरा भरोसा रखना चाहिए क्योंकि उनकी सफल रणनीतियों के चलते ही हम सब अब तक लगभग हर बड़ी विपत्तियों से निज़ात पाते रहे हैं।
याद कीजिये कोरोना काल में जब चुनाव ड्यूटी में शहीद हुए लगभग साढ़े सोलह सौ लोगों की शहादत पर पर्दा डालते हुए सरकार ने केवल तीन लोगों की मृत्यु स्वीकार किया, वह ऐसा समय था कि मृत्यु की विभीषिका चारो ओर पसरी हुई थी। ऐसे विपरीत समय मे डॉक्टर दिनेश चंद्र शर्मा ने ट्विटर पर संघर्ष कर पूरे विश्व मे भूचाल ला दिया था और सरकार को झुक कर सभी शहीद साथियों को तीस लाख देना पड़ा था
याद कीजिये पिछले वर्ष जब आन लाइन हाज़िरी का फरमान इस सरकार ने जारी किया तो पूरे प्रदेश के शिक्षकों से ब्लॉक वार उसके विरोध में जनमत संग्रह करा कर अपनी कुशल रणनीतियों के बल पर डॉक्टर दिनेश चंद्र शर्मा ने हम सबको आन लाइन हाजिरी के उस काले कानून से निजात दिलाई थी
इस वर्ष विद्यालय मर्जर व सरप्लस का काला कानून लेकर सरकार आयी है, यह लड़ाई कुछ अलग तरह से लड़ी जानी है इसमें जनसमर्थन जुटाना होगा, जन को जागृत करना होगा , पहले चरण में बंद किये गए विद्यालयों में जनजागरण किया गया, विधायको, सांसदों को ज्ञापन दिया गया, जिलों में धरना किया गया, अभी कल पुनः बड़ी संख्या वाले बंद किये गए विद्यालयों में ब्लॉक कार्यसमितियो की बैठक की गई अभिभावकों के साथ, संघर्ष के इन चरणबद्ध तरीकों के मूल में जाने पर पता चलता है कि आखिर डॉक्टर दिनेश चंद शर्मा की रणनीति क्या है तो वह स्पष्ट है कि यह संघर्ष अधिक से अधिक जनजागरण व जनसमर्थन से लड़ा जाना है,
सौभाग्य से यशस्वी महामंत्री संजय सिंह, कोषाध्यक्ष शिवशंकर पांडेय व वरिष्ठ उपाध्यक्ष राधेरमण तिवारी का साथ है अतः यह संघर्ष हम जरूर जीतेंगे, प्रदेश से प्राप्त निर्देशों का अनुपालन करते हैं व अपने कुशल व दूरदृष्टि से सम्पन्न प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश चंद्र शर्मा की कुशल रणनीतियों का पालन करते रहें
श्रीधर मिश्र
प्रदेश मंत्री
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ