नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी देने में राज्यपालों से उचित समय सीमा में कार्यवाही करने की अपेक्षा की जाती है।
संविधान पीठ ने मौखिक तौर पर कहा, राज्यपाल विधानसभा से पारित विधेयकों की वैधता पर सवाल नहीं उठा सकते। बहुत जरूरी मामलों में उन्हें 24 घंटे में कार्यवाही करनी पड़ सकती है। सीजेआई बी.आर. गवई की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने विधेयकों को मंजूरी देने के मुद्दे पर राज्यपाल के लिए समय-सीमा को जरूरी बताया और कहा कि भले ही अनुच्छेद-200 में ‘यथाशीघ्र’ शब्द का इस्तेमाल न हो, फिर भी राज्यपालों से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा आठ अप्रैल, 2025 को पारित फैसले में विधेयकों को मंजूरी देने के मुद्दे पर राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए समय सीमा तय किए जाने के बाद राष्ट्रपति द्वारा भेजे संदर्भ पर संविधान पीठ सुनवाई कर रही है।