10 September 2025

कुछ अलग: ब्रेन बायो बैंक से खुदकुशी के कारणों की गुत्थी सुलझेगी, जानिए क्या है यह ब्रेन बायो बैंक

 

भारत में आत्महत्या के मामलों की वजहें सिर्फ सामाजिक या आर्थिक दबाव तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जैविक और आनुवांशिक कारण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी पहलू की गहराई से जांच करने के लिए एम्स, नई दिल्ली में ‘ब्रेन बायो बैंक’ की स्थापना की गई है। यहां आत्महत्या करने वाले हजारों मृतकों के मस्तिष्क के नमूने सुरक्षित रखे जाएंगे और उनका विश्लेषण कर डॉक्टर्स आत्महत्या के गहरे कारणों का पता लगाएंगे।



इस स्टडी के तहत भारत में चार हजार और अमेरिका में आठ हजार मृतकों के मस्तिष्क के टुकड़ों पर पांच साल तक शोध किया जाएगा। एम्स के ब्रेन बायो बैंक में मस्तिष्क के प्रीफ्रांटल कॉर्टेक्स, हिपोकैंपस और एमिग्डला भाग का सैंपल लिया जाता है, जिन्हें निर्णय लेने और भावनात्मक संतुलन में महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रारंभिक शोध के अनुसार, 20-40 वर्ष के युवा आत्महत्या के सबसे अधिक शिकार होते हैं, जबकि अब तक 250 मृतकों का सैंपल जमा किया जा चुका है।


पहले किए एक शोध में आत्महत्या करने वालों के जीन में खास बदलाव देखे गए, जिससे पता चला कि जैविक कारण भी आत्महत्या की प्रवृत्ति को प्रभावित करते हैं। इस बायो बैंक की मदद से भविष्य में आत्महत्या प्रवृत्ति के लिए जिम्मेदार मार्कर की पहचान कर उस पर रोकथाम के प्रयास किए जा सकेंगे।


यह कदम भारत में मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुसंधान और जागरूकता के लिहाज से एक बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखता है।


क्या है ब्रेन बायो बैंक

एम्स, नई दिल्ली में ब्रेन बायो बैंक की शुरुआत की गई है। इसमें मस्तिष्क का पूरा हिस्सा नहीं बल्कि उसके तीन टुकड़ों का सैंपल लेकर सुरक्षित रखा जाएगा। इसमें मस्तिष्क का पीएफसी (प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स), हिपोकैंपस व एमिग्डला शामिल हैं। ये मस्तिष्क का ऐसा हिस्सा होते हैं जो कोई निर्णय लेने में मदद करता है। इसमें अभी 250 आत्महत्या के मृतकों के मस्तिष्क का सैंपल है। आत्महत्या करने वाले 4000 लोगों के खून के नमूने भी लिए जाएंगे।