14 अक्टूबर के प्रमुख सचिव के आदेश के क्रम में विभाग वरिष्ठता सूची के अनुसार इंचार्ज बनाने जा रहा है।
इससे कई याचिका कर्ता जूनियर होने के कारण लाभ पाने से वंचित हो जाएंगे।
यदि कोर्ट इंचार्ज बनाने की विभागीय प्रक्रिया के पूर्ण हुए बिना कोई आदेश पारित कर देता तो यह विरोधाभास वाली स्थिति होगी।
कोर्ट आदेश के क्रम में ही जनपदीय वरिष्ठता सूची से इंचार्ज बनाने की प्रक्रिया विभाग द्वारा प्रारंभ की गई है।इसलिए केस खारिज हुआ है।पहले सीनियर इंचार्ज बन जाए फिर विभाग से अतिरिक्त वेतन की मांग करे तब यदि विभाग भुगतान न करे तो फिर कोर्ट आ सकते है।
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