प्रयागराज : नए शैक्षिक सत्र 2026-27 के लिए कक्षा नौ से 12 तक की पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करने की अनुमति देने से पहले राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा मांगी गई रायल्टी का भुगतान बोर्ड ने कर दिया है। 41 लाख पुस्तकों की रायल्टी के भुगतान के बाद अब पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करने की अनुमति मिलने से पूर्व यूपी बोर्ड निविदा (टेंडर)
आमंत्रित करने की तैयारी कर रहा है, ताकि अनुमति मिलने पर टेंडर प्रक्रिया में अधिक समय न लगे। शैक्षिक सत्र 2025-26 में पाठ्यपुस्तकें जुलाई में बाजार में उपलब्ध हुई थीं, जिसके कारण यूपी बोर्ड वर्ष 2026-27 के लिए पाठ्यपुस्तकें अप्रैल में शैक्षिक सत्र आरंभ होने से पहले बाजार में उपलब्ध कराने का कार्य कर रहा है।
शैक्षिक सत्र 2025-26 में बकाया रायल्टी जमा करने में देरी और पुस्तकें
प्रकाशित कराने की अनुमति मिलने में देरी के कारण तीन महीने विलंब से एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें बाजार में उपलब्ध हो पाई थीं। इसके कारण विद्यार्थियों ने शैक्षिक सत्र शुरू होने पर बाजार में उपलब्ध अनधिकृत एवं निजी प्रकाशकों को पुस्तकें खरीदकर पढ़ाई शुरू कर दी थी। विलंब से पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध होने को दैनिक जागरण ने अपने समाचारीय अभियान में रेखांकित भी किया था। ऐसे में यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने आगामी सत्र के लिए पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित कराने की अनुमति पिछले दिनों एनसीईआरटी से मांगी, लेकिन उसने पिछले वर्ष की स्थितियों को ध्यान में रखकर पहले शैक्षिक सत्र 2025-26 की रायल्टी जमा करने को कहा। इस पर बोर्ड ने बिकी 41 लाख पुस्तकों की रायल्टी का भुगतान कर दिया है। अब अनुमति मांगने से पूर्व टेंडर आमंत्रित करने की तैयारी शुरू कर दी है।