29 October 2025

8वां वेतन आयोग: समझिए टर्म ऑफ रेफरेंस क्या है और कैसे बदलेगा सैलरी-पेंशन का ढांचा


केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) की शुरुआत की औपचारिक प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने इसके ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ (Terms of Reference - ToR) यानी कार्यक्षेत्र और नियम तय कर दिए हैं। इसका मतलब है कि अब आयोग वेतन, भत्तों और पेंशन की विस्तृत समीक्षा शुरू करेगा। यह कदम देश के 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 70 लाख पेंशनरों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आया है।



टर्म ऑफ रेफरेंस क्या होता है?

टर्म ऑफ रेफरेंस उस दस्तावेज को कहते हैं जो यह निर्धारित करता है कि आयोग किस दिशा और किन विषयों पर काम करेगा। 8वें वेतन आयोग के तहत निम्न मुद्दों पर विचार किया जाएगा—  

- मौजूदा वेतन संरचना कितनी व्यावहारिक और न्यायसंगत है।  

- वर्तमान आर्थिक और महंगाई दर के हिसाब से क्या संशोधन जरूरी हैं।  

- भविष्य में वेतन और पेंशन की गणना किन मानकों पर की जाए।  

- सरकारी और निजी क्षेत्र के वेतन में असमानता को कैसे कम किया जा सके।  

 आयोग की गठन प्रक्रिया

सरकार के अनुसार, 8वां वेतन आयोग तीन सदस्यों का अस्थायी निकाय होगा— एक चेयरपर्सन, एक अंशकालिक सदस्य और एक सचिव। आयोग को 18 माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी, हालांकि आवश्यकता पड़ने पर यह अंतरिम रिपोर्ट भी दे सकता है। परंपरा के अनुसार, इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू मानी जा रही हैं, क्योंकि हर वेतन आयोग लगभग दस वर्षों के अंतराल में प्रभावी होता है।


इस आयोग का लाभ केंद्र सरकार के सभी विभागीय कर्मचारियों, रक्षा बलों, रेलवे कर्मियों, केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों (CAPF) और स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों को मिलेगा। साथ ही, पहले से सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों की पेंशन में भी संशोधन किया जाएगा।


क्या वेतन बढ़ेगा?

हर वेतन आयोग के साथ कर्मचारियों की मूल वेतन संरचना में बदलाव होता है। पिछली बार 7वें वेतन आयोग ने 2.57 के फिटमेंट फैक्टर पर वेतन तय किया था। इस बार कर्मचारियों को उम्मीद है कि यह अनुपात बढ़ाया जाएगा, जिससे उनकी सैलरी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।  


पेंशनरों के लिए भी राहत की उम्मीद है, क्योंकि उनकी पेंशन नई वेतन संरचना के अनुसार तय होगी। हालांकि अंतिम निर्णय सरकार के वित्तीय संसाधनों और आर्थिक स्थिति पर निर्भर रहेगा।

राज्य कर्मचारियों पर असर

कई राज्य सरकारें केंद्र के वेतन आयोग की सिफारिशों को थोड़े बदलाव के साथ अपनाती हैं। इसलिए राज्य कर्मचारियों को भी समय के साथ इसका लाभ मिलने की संभावना है। कर्मचारियों को इसके लिए किसी आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी; केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी होते ही संशोधित वेतन और पेंशन लागू हो जाएंगे।

8वां वेतन आयोग सिर्फ सरकारी प्रक्रिया नहीं, बल्कि करोड़ों परिवारों की उम्मीदों का प्रतीक है। बढ़ती महंगाई और जीवनयापन की लागत के बीच यह आयोग एक नई आर्थिक राहत बनकर आया है। अंतिम फैसला यह तय करेगा कि सरकार किस प्रकार कर्मचारियों की अपेक्षाओं और देश की आर्थिक संतुलन दोनों के बीच सामंजस्य स्थापित करती है।