उत्तर प्रदेश शासन ने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में संबद्ध सभी शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों की संबद्धता को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने यह आदेश 21 अक्टूबर 2025 को जारी किया। निर्देश में कहा गया है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपने मूल कार्यस्थल के अलावा किसी अन्य स्थान पर कार्य नहीं करेगा, जब तक उसे शासन से अनुमति प्राप्त न हो।
भविष्य में भी किसी को बिना पूर्व अनुमति के किसी अन्य विद्यालय, बीआरसी या कार्यालय में संबद्ध नहीं किया जाएगा। इस आदेश का पालन कराने के लिए प्रदेश के सचिव माध्यमिक शिक्षा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा और निदेशक माध्यमिक शिक्षा को निर्देशित किया गया है कि 10 दिन के भीतर अनुपालन रिपोर्ट शासन को भेजें।
निर्देश जारी होते ही पूरे प्रदेश में शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है। विशेष रूप से सिद्धार्थनगर जनपद में यह आदेश चर्चा का केंद्र बना हुआ है, जहां सैकड़ों शिक्षक और कर्मचारी वर्षों से अपने मूल विद्यालयों से हटकर बीआरसी, एनपीआरसी या अन्य कार्यालयों में कार्यरत हैं।
स्थानीय शिक्षकों का मानना है कि यह आदेश सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है, लेकिन अब देखना यह होगा कि क्या वास्तव में इन संबद्ध कर्मचारियों की वापसी होती है या यह आदेश भी पहले की तरह औपचारिकता बनकर रह जाएगा।