विधानसभा में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने वर्ष 2017 से पहले ट्रांसफर में दलाली होने का आरोप लगाया, जिसका सपा सदस्यों ने विरोध किया। नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि जब भी सत्ता पक्ष से कोई सवाल पूछा जाता है, पुरानी सरकार पर आरोप लगाने लगते हैं। मंत्री द्वारा लगाए गए आरोप की क्या कोई जांच कराई गई है। इसका कोई सुबूत हो तो उसे सदन में पेश किया जाए।
नेता विरोधी दल के विरोध करने पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने पुरानी सरकारों का जिक्र करने की बात कहकर बचाव करने की कोशिश की। वहीं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि अब आरोप लगाने से पहले सदस्यों से शपथ पत्र लिया जाएगा। बेसिक शिक्षा मंत्री सपा सदस्य डॉ. रागिनी सोनकर और बृजेश कठारिया द्वारा बेसिक स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाए जाने के लिए सरकार द्वारा कोई योजना बनाए जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में तबादलों की ऑनलाइन व्यवस्था है, जिसे लेकर कोई शिकायत नहीं है। बीती सरकारों में पैसा देने के बाद भी मनचाही जगह तैनाती नहीं मिलती थी। पैसा वापस होने की भी गारंटी नहीं थी। वहीं मर्जर की वजह से विद्यालयों के बंद होने के आरोप को भी खारिज करते हुए कहा कि कोई भी विद्यालय बंद नहीं किया गया है। जिस विद्यालय के बच्चों को नजदीकी विद्यालयों में शिफ्ट किया गया है, वहां सरकार ने प्री प्राइमरी के बच्चों के लिए बाल वाटिका बनाई है। हालांकि उन्होंने अपने जवाब में स्वीकारा कि विद्यालयों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ी है।
ऑपरेशन कायाकल्प से हो रहा सुधार
सपा सदस्य समरपाल सिंह द्वारा बेसिक स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा देने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार अब मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा देने पर बल दिया गया है। अंग्रेजी को भी विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। सपा सरकार में स्कूलों में फर्नीचर तक नहीं था। हम ऑपरेशन कायाकल्प से स्कूलों में इसकी व्यवस्था कर रहे हैं। अब तक 65 फीसद स्कूलों में फर्नीचर मुहैया कराया जा चुका है। इस वर्ष सभी स्कूलों में मुहैया कराने की तैयारी है।
शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का करेंगे पालन
सपा सदस्यों द्वारा शिक्षकों की भर्ती को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 1.26 लाख से अधिक सहायक अध्यापकों की भर्ती की है। वहीं 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन किया जाएगा। कई अन्य भर्तियों की प्रक्रिया भी जारी है।

