NCERT: देश में स्कूली शिक्षा को भविष्य के अनुरूप बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर
आधारित पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकें तैयार करने के लिए एक विशेष टेक्स्टबुक डेवलपमेंट टीम का गठन किया है।
इसकी जानकारी शिक्षा मंत्रालय ने संसद में दी। मंत्रालय ने बताया कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत स्कूल शिक्षा में एआई को शामिल करने की व्यापक योजना का हिस्सा है।
NCF-SE 2023 के अनुरूप तैयार होगा एआई पाठ्यक्रम
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए एआई से जुड़ा यह पाठ्यक्रम और किताबें राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा - स्कूल शिक्षा (NCF-SE) 2023 के अनुरूप विकसित की जा रही हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को नई तकनीकों के लिए तैयार करना और उन्हें भविष्य की नौकरियों के योग्य बनाना है।
कक्षा 6 की किताब में भी शामिल हुआ एआई प्रोजेक्ट
सरकार ने यह भी बताया कि इसी दिशा में एक और अहम कदम उठाया गया है। एनसीईआरटी ने कक्षा 6 की व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) की किताब में एनिमेशन और गेम्स पर आधारित एक प्रोजेक्ट शामिल किया है, जिसमें एआई टूल्स के उपयोग को जोड़ा गया है। इससे छात्रों को शुरुआती स्तर पर ही तकनीक आधारित सोच विकसित करने में मदद मिलेगी।
2026-27 से कक्षा 3 से शुरू होगी एआई शिक्षा
केंद्र सरकार ने दोहराया है कि एआई और कंप्यूटेशनल थिंकिंग भविष्य की शिक्षा के मुख्य स्तंभ हैं। सरकार के अनुसार, 2026-27 शैक्षणिक सत्र से कक्षा 3 से सभी स्कूलों में एआई शिक्षा लागू की जाएगी। यह निर्णय पूरी तरह से एनईपी 2020 के सुधारों के अनुरूप है।
सीबीएसई ने पहले ही तैयार किया एआई ड्राफ्ट करिकुलम
इससे पहले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 3 से 12 तक के छात्रों के लिए एआई और कंप्यूटेशनल थिंकिंग पर आधारित एक ड्राफ्ट पाठ्यक्रम तैयार किया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार:
शुरुआती कक्षाओं में एआई की बुनियादी समझ दी जाएगी।
कक्षा 9 और 10 में एआई और कंप्यूटेशनल थिंकिंग को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।
SOAR प्रोग्राम से मिलेगी एआई स्किलिंग
एआई शिक्षा को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए सरकार ने SOAR (Skilling for AI Readiness) नामक एक राष्ट्रीय कार्यक्रम भी शुरू किया है। यह पहल NEP 2020, राष्ट्रीय एआई स्किलिंग फ्रेमवर्क और विकसित भारत 2047 के विजन से जुड़ी हुई है। SOAR का उद्देश्य:
कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों में एआई को लेकर जागरूकता बढ़ाना।
शिक्षकों की एआई साक्षरता को मजबूत करना।
डिजिटल डिवाइड को कम करना और सभी क्षेत्रों में समान अवसर देना।
छात्रों को मिलेंगी माइक्रो-क्रेडेंशियल्स
SOAR कार्यक्रम के तहत छात्रों को नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF) से जुड़े चार चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें कक्षा 6 से 12 के छात्रों के लिए तीन माइक्रो-क्रेडेंशियल शामिल होंगे:
हर मॉड्यूल 15 घंटे का होगा और कुल मिलाकर छात्रों को 45 घंटे की एआई लर्निंग मिलेगी। सरकार का मानना है कि इन पहलों से स्कूली शिक्षा अधिक समावेशी, तकनीक-सक्षम और भविष्य के लिए तैयार बन सकेगी।

