अंशकालिक शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई, जिले के माo विद्यालयों में पूर्णकालिक शिक्षको की भारी कमी

पडरौना। जिले के माध्यमिक विद्यालयों पूर्णकालिक शिक्षको की भारी कमी है। अंशकालिक शिक्षकों के भरोसे अध्यापन चल रहा है। प्रवक्ता और सहायक अध्यापक ही नहीं, प्रधानाचार्य तक के पद खाली है। आलम यह है कि 55 माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के 42 पद रिक्त है। वरिष्ठ अध्यापकों को ही प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया गया है।


प्रवक्ता के 277 में 112 पद खाली हैं, जबकि इंटर की कक्षाओं में ही शिक्षण कार्य करते हैं इसके अलावा सहायक अध्यापक के भी 1061 में से 621 पद खाली है। इनके जिम्मे संलग्न प्राइमरी जूनियर व हाईस्कूल की कक्षाएं होती हैं। शिक्षकों की कम संख्या की वजह से पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है।

जिले में 55 माध्यमिक स्कूल संचालित हैं। इसमें से 17 दसवीं तक और 38 विद्यालयों में इंटर तक विभिन्न विषयों की पढ़ाई होती है। इन स्कूलों में प्रधानाध्यापक के 13 और प्रधानाचार्य के 29 समेत कुल 42 पद रिक्त हैं। इसी तरह इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता के 277 में से 112 पद खाली हैं। 165 प्रवक्ता ही तैनात हैं। सहायक अध्यापक के कुल 1061 पद हैं। इनमें से 440 पदों पर सहायक अध्यापक तैनात है, जबकि 621 खाली हैं। विभागीय लोगों की मानें तो सबसे अधिक हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, इतिहास और नागरिक शास्त्र जैसे प्रमुख विषयों के शिक्षकों का पद रिक्त हैं। इससे वित्तपोषित माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अधिकांश विद्यालयों में प्रबंधक स्थानीय स्तर पर अंशकालिक शिक्षकों को रखकर किसी तरह पढ़ाई करा रहे हैं। लेकिन इन शिक्षकों पर विभाग का नियंत्रण नहीं होने से विद्यालय में अधिक समय नहीं दे पाते हैं। हालांकि हाल में हुई शिक्षकों की भर्ती के बाद इधर जिले में 185 शिक्षक अभी तक मिले हैं, जिन्हें संबंधित विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करा दिया गया है।