सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण पर मांगा हलफनामा

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को आरक्षण उपलब्ध कराने संबंधी आंकड़ों पर अपने पास मौजूद सम-सामयिक डाटा पर एक हलफनामा दाखिल करे।


न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और बी.आर. गवई की पीठ ने कहा कि वह 30 मार्च को दिल्ली और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालयों के निर्णयों से उत्पन्न मामलों की सुनवाई करेगी, जिनकी सूची अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह द्वारा प्रदान की जाएगी। पीठ ने कहा, ‘इस बीच, भारत संघ को दूसरे पक्ष को एक प्रति दिए जाने के बाद हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है जिसमें सम-सामयिक कैडर-वार डाटा के बारे में विवरण हो। शीर्ष अदालत ने 28 जनवरी को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए ‘कोई भी मानदंड निर्धारित करने’ से इनकार करते हुए कहा था कि उनके अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का निर्धारण राज्य के विवेक का मामला है। इसने कहा था कि न्यायालयों के लिए यह न तो कानूनी है और न ही उचित है कि वे कार्यपालिका को उस क्षेत्र के संबंध में निर्देश या परामर्श उपदेश जारी करें जो संविधान के तहत विशेष रूप से उनके क्षेत्र में है।