प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पांचवीं कक्षा उत्तीर्ण बच्चे को एक साल के अंतराल के कारण छठी कक्षा में प्रवेश देने से इनकार करने के विरुद्ध दाखिल याचिका पर नवोदय विद्यालय समिति के चेयरमैन से जवाब मांगा है। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि क्या 2020 के छात्र एक साल गैप के बाद 2022 में अगली कक्षा में प्रवेश नहीं ले सकते। यदि आवेदन भरने में गलती हुई है तो इसका क्या प्रभाव होगा।यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी एवं न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने अंकित कुमार की विशेष अपील पर अधिवक्ता घनश्याम मौर्य व नवोदय विद्यालय के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी को सुनकर दिया है। कोर्ट ने चेयरमैन को प्रास्पेक्टस, प्रवेश संबंधी रूल्स, रेग्यूलेशन व आवेदन की योग्यता के दस्तावेज के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।अपील के अनुसार है अपीलार्थी ने सत्र
2019-20 में पांचवीं कक्षा उत्तीर्ण की। एक साल बाद सत्र 2021-22 में उसने जवाहर नवोदय विद्यालय बरुआ सागर झांसी में छठवीं कक्षा में प्रवेश का आवेदन दिया। उसका टेस्ट लिया गया, जिसमें वह सफल घोषित किया गया। उसकी 22वीं रैंक आई लेकिन यह कहते हुए उसे प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया कि नीति के तहत उसमें प्रवेश पाने की योग्यता नहीं है। सत्र 2020-21 के छात्र ही प्रवेश पाने के हकदार हैं। इसके बाद एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी तो यह विशेष अपील दाखिल की गई है।
2019-20 में पांचवीं कक्षा उत्तीर्ण की। एक साल बाद सत्र 2021-22 में उसने जवाहर नवोदय विद्यालय बरुआ सागर झांसी में छठवीं कक्षा में प्रवेश का आवेदन दिया। उसका टेस्ट लिया गया, जिसमें वह सफल घोषित किया गया। उसकी 22वीं रैंक आई लेकिन यह कहते हुए उसे प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया कि नीति के तहत उसमें प्रवेश पाने की योग्यता नहीं है। सत्र 2020-21 के छात्र ही प्रवेश पाने के हकदार हैं। इसके बाद एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी तो यह विशेष अपील दाखिल की गई है।
ऑफलाइन परीक्षा से दिक्कत नहीं , हम तैयार हैं
ऑनलाइन परीक्षाओं की याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य बोर्ड, आईसीएसई, सीबीसीई को निर्देशित किया है कि 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन कराई जाएंगी। इस आदेश के बाद परीक्षाओं पर भ्रम की स्थिति खत्म हो गई है। अब बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र पूरी तरह एकाग्र होकर ऑफलाइन परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। इस विषय में हिन्दुस्तान ने शहर के स्कूल प्रबंधन और छात्रों से व्हॉट्सएप संवाद किया। इसमें अधिकांश ने ऑफलाइन परीक्षाओं को ही बेहतर बताया।
स्कूल प्रबंधन की बात
1. एसकेडी एकेडमी निदेशक मनीष सिंह ने कहा कि चूंकि बच्चे पहले ही टर्म वन की परीक्षाएं ऑनलाइन दे चुके हैं, इसलिए समस्या नहीं होगी। उनकी एक बार प्रैक्टिस हो चुकी है। अभी बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने में समय है, इसलिए आगे भी दिक्कत नहीं होगी।
2. एलपीएस गोमतीनगर प्राचार्य अनीता चौधरी ने भी कहा कि हम ऑफलाइन परीक्षाओं के लिए तैयार हैं। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी अच्छा है कि ऑफलाइन परीक्षाएं दें। हम कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सारी तैयारी करेंगे।
छात्रों का विचार
1. कुछ दिन पहले ही टर्म वन की परीक्षाएं दी हैं, इसलिए फाइनल परीक्षा ऑफलाइन देने में दिक्कत नहीं होगी। – अनन्या सिंह, कक्षा 12, एसकेडी एकेडमी
2. कोविड का असर अब काफी कम है, हम सारे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आराम से परीक्षाएं दे सकते हैं। – कार्तिक त्रिपाठी, कक्षा 12, एसकेडी एकेडमी
3. ऑनलाइन पढ़ाई, परीक्षाएं एक विकल्प तो हैं लेकिन कहीं से ऑफलाइन से बेहतर नहीं हैं। इसलिए परीक्षाएं ऑफलाइन होना ही ठीक है। – रिया यादव, कक्षा 10, एसकेडी एकेडमी
4. बीते दो वर्षों में कोविड के चलते पढ़ाई बहुत डिस्टर्ब हुई है। अब ऑनलाइन परीक्षाएं न ही देनी पड़ें तो बेहतर है। – ज्योतिर्मय सिंह, कक्षा 10, एसकेडी एकेडमी
5. ऑनलाइन परीक्षाओं में सही आकलन नहीं हो सकता। हम अपनी तैयारी का सही स्तर ऑफलाइन परीक्षाओं में ही समझ सकते हैं। – शिखा सिंह, कक्षा 10, एलपीएस गोमतीनगर
6. अगर कोविड संक्रमण कम होने पर चुनाव कराए जा सकते हैं तो परीक्षाएं क्यों नहीं। हम ऑफलाइन परीक्षाओं के लिए तैयार हैं। – आयुष सिंह कौशिक, कक्षा 10, एलपीएस गोमतीनगर