परिषदीय स्कूलों में तराशे जाएंगे खिलाड़ी, सप्ताह में चार दिन होंगे खेल

हापुड़। परिषदीय स्कूलों से खेल की प्रतिभाएं निकलेंगी, सप्ताह में चार दिन खेल प्रतियोगिता और दो दिन स्काउट की गतिविधियां आयोजित कराई जाएंगी। खेल सामग्री के लिए प्राइमरी स्कूलों को पांच-पांच हजार रुपये तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को दस-दस हजार रुपये दिए गए हैं।

कोरोना संकट से विद्यालयों में दो साल से खेलकूद प्रतियोगिताएं प्रभावित चल रहीं थीं। दो साल बाद जिले के 630 परिषदीय स्कूलों में खेलकूद प्रतियोगिताएं फिर शुरू होंगी। खेलों का पूरा कार्यक्रम घोषित किया जजा चुका है। प्रतियोगिताएं जुलाई से नवंबर तक होंगी। विद्यालय से न्याय पंचायत स्तर तक की खेलकूद प्रतियोगिताएं एक अगस्त तक पूरी होंगी। सितंबर माह के पहले सप्ताह तक ब्लॉक, जिला स्तर पर अक्टूबर माह के पहले सप्ताह तक व मंडल स्तर पर प्रतियोगिताएं नवंबर माह के पहले सप्ताह तक होंगी।

माह के अंत तक राज्य स्तर पर प्रतियोगिताएं होंगी। जिसमें मंडलीय खेल में सफल प्रतिभागी शामिल होंगी। प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में हफ्ते के चार दिन खेलकूद और दो दिन स्काउट की गतिविधियां कराई जाएंगी। खेलकूद प्रतियोगिताओं में अनावश्यक औपचारिकताओं से बचते हुए केवल खेलने पर ही ध्यान दिया जाए। खेलकूद व स्काउट के आयोजन का ब्यौरा रजिस्टर में रखा जाएगा। स्कूल के प्रधानाध्यापकों की जिम्मेदारी होगी कि स्कूल का हर बच्चा किसी न किसी खेल से अवश्य जुड़ें।
टीम बनाने के लिए होगा ट्रायल
परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत 84 हजार से अधिक छात्रों को किसी न किसी खेल में शामिल किया जाना है। अभ्यास होने पर ऐसे छात्रों को चिन्हित किया जाएगा जो खेल में रूचि रखता है। बच्चों का चयन ट्रायल कराकर टीम बनानी है, जो छात्र जिस खेल में अव्वल होगा, उसे उस टीम में शामिल कर अभ्यास कराया जाएगा। स्कूल स्तर की टीम को इस तरह तैयार करनी है, जिससे वह राज्य स्तर तक पहुंच सके। हर स्तर पर ट्रायल का आयोजन कर अच्छे खिलाड़ियों की टीम बनाई जाए। अलग-अलग ब्लॉक व जिलों के बच्चों की टीम ही आगे जाएगी।
कोट
परिषदीय स्कूलों में छुट्टियां खत्म होने के बाद छात्रों को खेलकूद में आगे बढ़ाया जाएगा। पढ़ाई के साथ साथ विभिन्न खेलों में छात्र निपुण होंगे। इस संबंध में तैयारियां शुरू करा दी गई हैं।--अर्चना गुप्ता, बीएसए।