खुद के वेतन से शिक्षक बनवा रहे बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन


सिद्धार्थनगर। पांच माह से कन्वर्जन कास्ट नहीं आने से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक अपने पैसे खर्च कर मध्याहन भोजन बनवा रहे हैं। कुछ विद्यालयों के शिक्षक तो भोजन बनाने से कतरा लगे हैं। वहीं, विभाग का कहना है कि शासन से डेढ़ माह का कन्वर्जन कास्ट मिला है, उपभोग प्रमाणपत्र के अनुसार उसे जल्द ही स्कूलों को आवंटित कर दिया जाएगा।






जिले के 2347 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के 3.5 लाख बच्चों के लिए मध्याहन भोजन बनता है। शासन की तरफ से इसके लिए राशन के अतिरिक्त प्रति माह 1.75 करोड़ रुपये कन्वर्जन कास्ट दिया जाता है। प्राथमिक विद्यालयों के 2.25 लाख बच्चों के लिए एक करोड़ रुपये और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के 1.25 लाख बच्चों के लिए 75 लाख रुपये प्रति माह आवंटित होता है फरवरी 2022 के बाद से ही स्कूलों को कन्वर्जन कास्ट नहीं मिल रहा है। शिक्षक स्वयं के खर्चे से विद्यालय में मध्याहन भोजन बनवा रहे हैं स्कूल के रसोइयों का मानदेय भी नहीं मिल रहा है, जिससे बच्चों का मध्याहन भोजन बंद होने की स्थिति में पहुँच गया है। शिक्षकों का आरोप है कि बजट के बावजूद कनवर्जन कास्ट भेजने में देरी की जा रही है।

विभागीय लापरवाही से दिक्कतः खुनियांव ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पटेहरों में तैनात प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राधेरमण त्रिपाठी भी स्कूल के 129 बच्चों का मध्याहन भोजन खुद के खर्चे से बनवा रहे हैं। उनका कहना है कि विभागीय लापरवाही से भी कन्वर्जन कास्ट स्कूलों को नहीं मिल रहा।