स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता, मानक एवं मूल्यांकन प्रणाली को बेहतर बनाने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र इकाई का गठन किया जा रहा है तथा इस प्रस्तावित एजेंसी को परख नाम दिया गया है।
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता, मानक एवं मूल्यांकन प्रणाली को बेहतर बनाने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र इकाई का गठन किया जा रहा है तथा इस प्रस्तावित एजेंसी को परख नाम दिया गया है। एनसीईआरटी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के अधिकारी ने न्यूज एजेंसी भाषा को बताया कि इस निकाय के गठन के लिये परिषद ने अंतरराष्ट्रीय परामर्श एजेंसियों से 2 सितंबर 2022 तक रूचि पत्र आमंत्रित किया है।
योजना के मसौदे के अनुसार, राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र के रूप में समग्र विकास के लिये ज्ञान प्रदर्शन, मूल्यांकन, समीक्षा, आकलन (परख) की स्थापना शिक्षा मंत्रालय के तहत एक मानक निर्धारण निकाय के रूप में की जायेगी । इसका दायित्व राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत निर्धारित कार्यो के साथ छात्रों के मूल्यांकन को लेकर नियम, मानक, दिशानिर्देश एवं अनुपालन से जुड़ी गतिविधियां तय करना होगा ।
इसमें कहा गया है कि, ”परख को राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के एक स्वायत्त घटक के रूप में किया जाना प्रस्तावित है।”
‘परख’ के दायित्वों में सीखने के मूल्यांकन के लिये तकनीकी सहयोग देना, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण को मजबूत बनाना, मूल्यांकन के लिये क्षमता निर्माण को सुदृढ़ बनाना, देश में छात्रों में सीखने के परिणामों की निगरानी एवं सूचना प्रदान करना, परीक्षा बोर्ड का मार्गदर्शन करना, गठजोड़ स्थापित करना आदि शामिल होगा।
‘परख’ की टीम में, भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा व्यवस्था की गहरी समझ रखने वाले, मूल्यांकन से जुड़े शीर्ष विशेषज्ञ शामिल होंगे ।
मसौदे के अनुसार, ” परख बाद में मूल्यांकन से जुड़ी सभी सूचनाओं के लिये राष्ट्रीय एकल खिड़की स्रोत के रूप में काम करेगा । ऐसी उम्मीद की जाती है कि ‘परख’ सभी संबंधित संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा जिसमें बोर्ड ऑफ असेस्मेंट (बीओए), एनसीईआरटी सहित अन्य संगठन शामिल हैं।”
इसमें कहा गया है कि विश्व बैंक, पठन -पाठन एवं परिणाम को मजबूती (स्टार्स) कार्यक्रम के लिये शिक्षा मंत्रालय को सहयोग देता है। स्टार्स कार्यक्रम के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में राष्ट्रीय स्तर पर पठन- पाठन एवं मूल्यांकन को मजबूत बनाना है।