प्रदेश सरकार की ओर से सूबे के बेसिक विद्यालयों की तर्ज पर माध्यमिक शिक्षा को भी महानिदेशक के हवाले करना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा करने से शिक्षकों को प्रशिक्षण के नाम पर आए-दिन कागजी घोड़ों को दौड़ाना विवशता होगी और शिक्षण प्रभावित होगा ।
यह बातें राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मण्डल अध्यक्ष उदयराज मिश्र ने वेसिक विद्यालयों की क्षेत्रीय रैली में बतौर अतिथि शिरकत करने के दौरान कही। कहा कि सरकार ने वर्षों पहले ही महानिदेशक स्कूली शिक्षा का पद सृजन करते हुए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पद जिसे जिम्मेदारी दिया गया है उनके ऊपर बेसिक शिक्षा को प्रयोगों की खेती से बंजर बनाने का इल्जाम भी आए दिन इन्हीं पर लगता रहा है। ऐसे में माध्यमिक विद्यालयों को भी नवाचार के नाम पर दिनरात मोबाइल व ऐप्स पर सिर्फ फुटव्वल करनी पड़ेगी जिससे शिक्षण का प्रभावित होना तय है।