“वेतन कटने” के डर ने एक और बेसिक शिक्षक की ली जान, स्कूल जाते वक्त भयानक एक्सीडेंट में प्रधानाध्यापक की मौत

सोमवार का दिन बेसिक शिक्षा के शिक्षकों के लिए एक बार फिर दुख भरी खबर लेकर आया। विद्यालय जाते वक्त एक्सीडेंट की चपेट में आने से प्रधानाध्यापक की मौत हो गई है।



फेसबुक पर अलोक सिंह यादव ने घटना को शेयर करते हुए जानकारी दी है कि नौशाद अख्तर निवासी मोहल्ला दलाल टोला जलालपुर प्रधानाध्यापक प्राधमिक विद्यालय सोनगांव उत्तर का जीवत के पास विद्यालय जाते समय भयंकर एक्सीडेंट होने से मौके पर ही मौत हो गई। आलोक सिंह यादव ने आरोप लगाया है कि स्कूल में एक भी मिनट की देरी से पहुंचने पर वेतन काटने का आदेश देने के कारण शिक्षक तनाव में हैं। उन्होंने आगे लिखा कि शिक्षा निदेशक विजय किरन आनन्द अभी कितनी जिंदगी और लेंगे आप।



बता दें कि लगातार तीसरे दिन किसी बेसिक शिक्षक की एक्सीडेंट में जान गई है। यह सिलसिला गत शुक्रवार से शुरू हुआ है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश अयोध्या अयोध्या-अम्बेडकर नगर मार्ग पर सुबह करीब साढ़े 9 बजे स्कूटी सवार शिक्षिका नम्रता सिंह पूराबाज़ार के पूर्वी छोर पर ट्रक की चपेट में आ गयी, जिससे घटनास्थल पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक जनपद अंबेडकर नगर कोतवाली मोजनपुर निवासी नम्रता सिंह (27) शिक्षा क्षेत्र मया बाजार के कम्पोजिट विद्यालय दामोदरपुर में शिक्षिका के पद पर कार्यरत थी।


वह अयोध्या शहर में कमरा लेकर रहती थीं। शुक्रवार सुबह करीब 8:30 बजे स्कूटी से शहर से विद्यालय के लिए निकलीं। वह अयोध्या-अंबेडकनगर मार्ग पर पूरा बाजार के पूर्वी छोर पर श्रीपति सिंह फिलिंग स्टेशन के पास पहुंची कि सड़क व पुल का निर्माण होने से दाहिने तरफ से वाहन पास कराए जा रहे थे। उसी दौरान वह ट्रक के चपेट में आ गई थीं।



इसके बाद बीते शनिवार को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के प्राथमिक विद्यालय नगला सिताब, ग्राम पंचायत सालेहनगर बर्बर, न्याय पंचायत सरेन्डा ब्लॉक खेरागढ़ ,आगरा की सहायक अध्यापिका पद पर कार्यरत अंजू शर्मा का स्कूल से घर लौटते वक्त भरतपुर के पास पीछे से आ रहे ट्रक ने इतनी तेज टक्कर मारी की स्कूटी चकनाचूर हो गई। आनन-फानन में लोग दोनो शिक्षिकाओं को अस्पताल ले गए, लेकिन अंजू शर्मा को नहीं बचा सके। तो वहीं एक अन्य शिक्षिका की हालत गम्भीर बताई जा रही थी, जिनके बारे में अभी कोई सूचना प्राप्त नहीं हो सकी है।

लगातार हो रही इन घटनाओं से शिक्षकों में डर बैठ गया है। इसी के साथ शिक्षकों में ब्लाक व जनपद के भीतर ट्रांसफर न होने के कारण शिक्षा निदेशक विजय किरन आनन्द के खिलाफ रोष भी व्याप्त है। शिक्षकों का कहना है कि नियम के मुताबिक ट्रांसफर हो जाने चाहिए, लेकिन 5 साल बाद भी पिछड़े ब्लाकों में तैनात शिक्षकों को अगड़े ब्लाकों में लाने का कार्य नहीं किया जा रहा है। जो लोग पहले से अगड़े ब्लाकों में तैनात है, वह मलाई खा रहे हैं और पिछड़े ब्लाकों में तैनात शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। इसकी वजह से न केवल सामान्य शिक्षक बल्कि दिव्यांग शिक्षक भी परेशान व तनाव ग्रस्त हैं। दूसरे टाइम एंड मोशन ने शिक्षकों में इतना तनाव भर दिया है कि शिक्षक सड़क पर चलता हुआ गाड़ी चलाने में ध्यान नहीं रख पाता है। नतीजतन प्रतिदिन एक्सीडेंट का शिकार हो रहा है।