ओएमआर शीट के गोले भरते और मिटाते रहे बच्चे, सरल एप ने दिया धोखा

कानपुर मंडल के परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के छात्रों की सत्र परीक्षा सोमवार को दो पालियों में संपन्न हुई। प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर पहली बार परिषदीय स्कूलों में ओएमआर शीट पर परीक्षा कराई गई। छात्र शीट भरने में काफी देर तक परेशान रहे। पहली पाली में 930 से 12 और दूसरी में 1230 से 200 बजे तक परीक्षा कराई गई। इस दौरान बच्चे जूझते दिखे निपुण एसेसमेंट टेस्ट के नाम पर हुई इस परीक्षा के दौरान कक्षा एक से तीन तक के बच्चों की शीट अध्यापकों ने ही भरी, जबकि चार से आठ तक बच्चों को ओएमआर शीट खुद भरनी थी। 90 मिनट की इस परीक्षा से पहले शिक्षकों ने उन्हें ओएमआर शीट भरने के बारे में विस्तार से समझाया था, लेकिन फिर भी बच्चों ने गलती की। सही जवाब वाले गोले को काला करने के बजाय कई छात्रों ने सभी गोलों को पेंसिल से काला कर दिया, तो कई ने सही जवाब आने के बाद भी हड़बड़ी में गलत गोले को काला कर दिया। जिन्हें वह बाद में पेंसिल से मिटाते दिखे। कक्षा एक में 6, दो में 9,तीन में 11,चार और पांच में 12-12 प्रश्न पूछे गए।


सरल एप ने दिया धोखा

परीक्षा के बाद शिक्षकों को उत्तर पुस्तिकाओं की फोटो खींच सरल एप पर अपलोड करनी थी, लेकिन ऐन समय पर एप ने धोखा दे दिया। शिक्षक काफी देर परेशान रहे,लेकिन कॉपी स्कैन होकर अपलोड ही नहीं हो पाई। बीएसए सुरजीत कुमार सिंह ने बताया कि परीक्षा बेहद शानदार तरीके से हुई।