उत्तर प्रदेश के हर जिले में प्राथमिक शिक्षकों के पद रिक्त विज्ञापन जारी करे यूपी सरकार



लखनऊ। बेरोजगारी समाज का सबसे बड़ा अभिशाप है, लेकिन डीएलएड अभ्यर्थी इस‌ बेरोजगारी के दलदल में ढकेले‌ जा रहें हैं। शिक्षा मित्रों का समायोजन सुप्रीमकोर्ट से रदद् होने के बाद सरकार उन्ही पदों को दो पार्ट में भर्ती करवा पाई है जहां 68500 प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल बीटीसी 2014 बैच को‌ शामिल किया गया एवं लगभग सभी योग्य अभ्यर्थी को नियुक्ति दिया गया।



इसमें 22000 सीट लगभग खाली रह गयी।वहीं 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 2015 बैच बीटीसी डीएलएड एवं बीएड को शामिल किया गया. योग्य अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र जारी किया गया। लेकिन 6 जनवरी 2019 को प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन सरकार के द्वारा करवाया गया।


आज 4 वर्ष से ऊपर बीत गया है,प्राथमिक शिक्षक भर्ती के आस में एक एक बेरोजगार की हिम्मत दम तोड़ती प्रतीत हो रही है,क्योंकि प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन अभी तक जारी नहीं हुआ है। बीटीसी प्रशिक्षु केवल प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए ही वैध रहते हैं वहीं बीएड अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक भर्ती के साथ-साथ टीजीटी, पीजीटी, बीईओ, एवं‌ अन्य पदों के‌ लिए भी वैध रहते हैं।


बीटीसी अथवा डीएलएड अभ्यर्थी के सामने रोजगार का बड़ा सवाल है क्योंकि प्राथमिक विद्यालय का विज्ञापन अनुपात समानुपात एवं सरप्लस शिक्षकों के चक्कर में फस गया है। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो प्राथमिक विद्यालय में 173795 आरटीआई 2019 के आंकड़ों के तहत पोस्ट खाली हैं एवं पीएबी की रिपोर्ट के अनुसार 126028 पद प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के रिक्त हैं। अगर आरटीआई 2009 अनुसार देखा जाये 30 छात्र पर 1 शिक्षक होना चाहिए लेकिन इस समय 37 छात्र पर 1 शिक्षक है। अनुपात समानुपात बराबर है या नहीं निश्चित आंकड़ा कार्मिक विभाग के पास नहीं है। समस्या सबसे जटिल यह है कि 2015 से प्राथमिक विद्यालय में पदों का परिसीमन न होने की वजह से हर वर्ष कितने शिक्षक रिटायर हो रहे हैं इसका डाटा‌ नहीं मिल रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कथन है अनुपात एवं‌ समानुपात के बाद‌ रिक्त सीट जो होंगी उस पर विज्ञापन जारी किया जाएगा।


लेकिन यह कब तक होगा इसका समय निर्धारित नहीं है. 69000 शिक्षक भर्ती के समय उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि 51112 पद उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों के रिक्त हैं। इन पदों पर शिक्षा मित्रों को राहत देते हुए जल्द विज्ञापन जारी होगा लेकिन वह भी अभी तक नही हुआ।


यह पद कहां गये और इन पदों पर भर्ती क्यों न हुई इस विषय पर उत्तर प्रदेश का बेसिक शिक्षा विभाग मौन है। उत्तर प्रदेश के कार्मिक विभाग के पास कोई आंकड़ा नहीं है कितने पद सहायक अध्यापक के प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त हैं। ऐसे ही चलता रहा तो बेरोजगारी की स्थिति विकराल रूप धारण कर लेगी।

टेट एवं सीटेट का आयोजन हर वर्ष समय समय पर हो‌ रहा है लेकिन प्राथमिक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया न होने कि वजह से बेरोजगारों की फ़ौज लगातार बढ़ती जा रही है। राकेश कुमार पांडेय उर्फ बंटी पांडेय का कहना है कि सरकार रिक्त पदों के सापेक्ष नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जल्द से जल्द जारी करे, जिससे योग्य बेरोजगार युवाओं को जल्द से जल्द रोजगार मिल सके।