असाध्य बीमारी दिखाकर किया आवेदन, जांच में निकला फर्जी, अंतरजपदीय तबादले की चाह रखे शिक्षकों से मांगा गया था आवेदन


सोनभद्र। अंतरजनपदीय तबादले की चाह रखे शिक्षकों की तरफ से किए गए आवेदन में बड़ा खेल होने का मामला आया है। जिन 62 शिक्षकों ने खुद को असाध्य एवं गंभीर बीमारी होने का कागजात प्रस्तुत करते हुए तबादले के लिए आवेदन किया था। उनमें से अधिकांश आवेदन तथ्य विहीन मिले हैं।

सत्यापन में सिर्फ 13 शिक्षकों के है। ही आवेदन सही मिले हैं। यानी 49 शिक्षकों ने गलत कागजात के आधार पर गैर जनपद स्थानांतरण होना चाहते थे। चिह्नित शिक्षकों के कार्यप्रणाली को लेकर सख्त हैं। बताया जा रहा है कि ऐसे शिक्षकों के भरांक को कम कर दिया है।

जिले में 2061 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इन स्कूलों में करीब 4700 शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें करीब 40 फीसदी शिक्षक गैर जनपदों के हैं। जो सालों से अपने स्थानांतरण की बाट जोह रहे हैं। लंबे इंतजार के बाद जून माह में शासन के निर्देश पर प्रदेश भर में शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हुई। आठ जून से 15 जून तक चली आवेदन प्रक्रिया में 1600 से अधिक शिक्षकों ने आवेदन किया है 

विभागीय अधिकारियों के मिले हैं। मुताबिक इसमें करीब 450 शिक्षकों का ही स्थानांतरण होना है। कई शिक्षकों ने अपना तबादला सुनिश्चित कराने के लिए असाध्य बीमारी के साथ ही अन्य समस्याओं को आधार बनाकर आदेवन किया है। यह खुलासा सत्यापन के दौरान हुआ। कुल 62 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने असाध्य, गंभीर बीमारी और दिव्यांग जैसे कागजात पस्तुत करते हुए स्थानांतरण करने के लिए आवेदन किया है। सत्यापन के दौरान सिर्फ 13 शिक्षकों के ही दस्तावेज सही मिले हैं। सत्यापन में 49 शिक्षकों के आवेदन में दर्शाएं गए समस्याओं के विवरण गलत

इससे इन शिक्षकों के आवेदन निरस्त होने का खतरा मंडराने लगा है। एक ओर जहां मेडिकल बोर्ड के समक्ष कई शिक्षकों के दावे फेल हो गए, तो दूसरी ओर एकल अभिभावक, पति-पत्नी दोनों के सरकारी नौकरी में होने सहित कई अन्य कारण भी सत्यापन में कई शिक्षकों के दावे झूठे मिले हैं। इसके अलावा करीब 150 शिक्षकों ने आवेदन करने के पश्चात विभाग के समक्ष कागजात प्रस्तुत नहीं किया है.



अंतरजनपदीय तबादले के लिए आए शिक्षकों के आवेदन के सत्यापन का कार्य पूरा हो चुका है। जिसे शासन की वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया गया है। आगे शासन का जो भी निर्देश होगा, उसके अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी।

- हरिवंश कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी-सोनभद्र।