फतेहपुर। दोआबा के एक परिषदीय स्कूल की शिक्षिका पर फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी करने का मामला प्रकाश में है। आईजीआरएस के माध्यम से बेसिक शिक्षा निदेशक को भेजी गई शिकायत पर आरोप लगाया गया है कि शिक्षिका दो बार शैक्षिक प्रमाण पत्र हासिल किए और दोनों में भिन्न-भिन्न जन्मतिथि दर्शा कर सरकार को गुमराह किया गया है। मामले की पूरी जांच बीएसए द्वारा की जा रही है.
मामला खजुहा ब्लाक के एक कम्पोजिट विद्यालय का है। मैनपुरी जिले के नहार पोस्ट चिताई निवासी नीरज यादव ने आईजीआरएस पोर्टल में फर्जी दस्तावेजों के साथ बीते छह साल से की जा रही नौकरी की शिकायत पूरे दस्तावेजों के साथ की है। जिसमें बताया गया कि सहायक अध्यापिका, जन्मतिथि 10.01.1991 नियुक्त तिथि 27.08.2016 है। लगभग साल से उपरोक्त विद्यालय में नौकरी कर रही है.
कब कहां से ली शिक्षा ?
शिकायतकर्ता ने बताया कि शिक्षिका कक्षा 6 से इण्टरमीडिएट तक की पढ़ाई जानकी इण्टर कालेज, सरांय बकेवर से उत्तीर्ण किया है। हाईस्कूल वर्ष-1999 में, इण्टरमीडिएट वर्ष 2011 में उर्तीण किया। हाईस्कूल प्रमाण पत्र में जन्मतिथि 21.09 1984 लिखी है। वहीं स्नातक बीए राजकीय महिला महाविद्यालय बिन्दकी से वर्ष 2004 में पूर्ण किया। शिक्षिका ने हेराफेरी कर अपनी उम्र कम कराकर हाईस्कूल जिला कौशाम्बी से 2007 में किया, जिसमें जन्मतिथि 10.01.1991 लिखवाई गई। वहीं इण्टरमीडिएट भी कौशाम्बी से 2009 में किया और रानीचन्द्र प्रभा महाविद्यालय खागा से वर्ष 2012 में किया है। इसके बाद बीटीसी रानीचन्द्र प्रभा महाविद्यालय खागा से ही 2015 में किया।
ऐसे कई मामलों की शिकायत के आधार पर जांच कराई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा, यदि दोष सिद्ध होता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। पंकज यादव, बीएसए