युवा अपनी जरूरत के हिसाब से बनाएं बचत की रणनीति, आपात स्थिति के लिए अलग फंड अवश्य रखें, जानिए बचत के तरीके


पहली नौकरी की शुरुआत के साथ ही कुछ लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने की प्राथमिकता देते हैं। खर्च की इस आदत के चलते बचत भी नहीं हो पाती है। वहीं, कुछ युवा बचत तो करना चाहते हैं लेकिन उनके पास पुख्ता रणनीति नहीं होती और अनाप-शनाप खर्च के चलते कुछ बचता ही नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी समस्या से पार पाने के लिए पहले बचत, फिर खर्च का फॉर्मूला अपनाना चाहिए। इससे खर्च की सीमा भी तय हो जाती है।

खर्च के लिए बजट बनाएं सबसे पहले अपना बजट तैयार करें। संभव है कि नौकरी के साथ खर्च में बढ़त हो, मगर उसे बेकाबू न होने दें। साथ ही सिर्फ शॉर्ट टर्म का बजट न बनाएं।

वित्तीय लक्ष्य तय करें जरूरी है कि वित्तीय लक्ष्य भी बनाएं। इसमें आप अपने लिए नया घर खरीदना, शादी आदि को भी शामिल कर सकते हैं। इसके बाद अपने लक्ष्य को छोटी, मध्यम और मध्यम अवधि में बांटें।

खर्च का हिसाब रखें अपने खर्चों को नियंत्रित करने के लिए समय-समय पर बैंक स्टेटमेंट की निगरानी करते रहें। इससे अनावश्यक खर्चों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

कर योजना का भी रखें ध्यान सिर्फ बजट बनाने और निवेश शुरू कर देने सी ही काम खत्म नहीं हो जाता। जरूरी है कि आप वित्तीय योजना बनाते समय कर बचत के लिए भी ठोस फैसले लें। आज के समय में कर बचत बहुत जरूरी है।

स्वास्थ्य बीमा जरूर लें
कोई नहीं जानता कि कब स्वास्थ्य इमरजेंसी आ जाएगी। इन स्थितियों के लिए खुद को तैयार नहीं रखेंगे तो आपको बहुत परेशानी हो सकती है, इसलिए पहला वेतन आने के साथ स्वास्थ्य बीमा जरूर खरीद लें। इसे मासिक प्रीमियम के साथ आसानी से भर सकते हैं। कम प्रीमियम पर अच्छा कवर मिल सकता है।

सही जगह करें निवेश

निवेश शुरू करने वाले लोग अक्सर सोचते हैं कि अपनी मेहनत की कमाई को कहां लगाना बेहतर होगा। विशेषज्ञ बताते हैं कि जोखिम की क्षमता और समयावधि का ख्याल रखकर ही निवेश शुरू करना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें की ज्यादा रिटर्न का लालच करना ठीक नहीं है। इसमें जोखिम भी अधिक है।


कोरोना काल ने लोगों को इमरजेंसी फंड की अहमियत बता दी है। आपके पास इमरजेंसी फंड होने पर न कोई पॉलिसी तुड़वानी पड़ेगी, न किसी से पैसा मांगने पड़ेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को अपने छह महीने के वेतन के बराबर इमरजेंसी फंड रखना चाहिए। यह फंड निवेश या बचत का हिस्सा नहीं हो। इसे ऐसी जगह रखें, ताकि विपरीत समय में आसानी से मिल जाए। इसकी एफडी बनवाकर बैंक में भी डाल सकते हैं।