UP : सड़क से लेकर सदन तक गूंजा शिक्षकों के हकों का मामला, झड़प और नोकझोंक के बाद हिरासत में लिए गए शिक्षक


उप्र प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ व शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द्र शर्मा ने कहा तदर्थ शिक्षकों की सेवा बहाली के संघर्ष में प्राथमिक शिक्षक भी भागीदारी करेगा। अगर सरकार का शिक्षक विरोधी रवैया नही बदला तो शिक्षक उनके खिलाफ बटन दबाने में गुरेज नहीं करेगा। शिक्षकों का ज्ञापन लेते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों के लिए वैकाल्पिक व्यवस्था की जा रही है। शिक्षकों की सेवा सुरक्षा सम्बन्धी धारा 21 का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है
। धरने को संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र, एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी, पूर्व एमएलसी जगवीर किशोर जैन, हेम सिंह पुंडीर, सुभाष चन्द्र शर्मा, इन्द्रासन सिंह, पूर्व एमएलसी सुभाष चन्द्र शर्मा, महेश चन्द्र शर्मा, डा. प्रमोद कुमार मिश्र आदि ने संबोधित किया।


पहले शिक्षकों की मांगें पूरी हो फिर हो रियल टाइम उपस्थिति

बेसिक विद्यालयों में शिक्षकों की लंबित मांगों पर कार्रवाई किए बिना रियल टाइम उपस्थिति लागू करने के विरोध में विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रदेश भर में ब्लॉक स्तर पर बीआरसी पर धरना दिया।

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि सालों से पदोन्नति लंबित है। परस्पर तबादले, समायोजन, वेतन विसंगति का हल नहीं निकला। शिक्षकों को निजी मोबाइल, सिम व डाटा के प्रयोग के लिए दबाव बनाया जा रहा है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष शालिनी मिश्रा ने कहा किजब तक हमारी मांगों को सरकार पूरा नहीं करती, तब तक हम ऑनलाइन उपस्थिति का बहिष्कार करते हैं। यदि जल्द हमारी मांगे ना पूरी हुई तो शिक्षक सड़क पर उतरने पर मजबूर होगा

 

शिक्षकों ने ये भी उठाई मांगें

 

– आधे समय का सीएल दिया जाए

– राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा सुविधा

– दुर्गम क्षेत्रों मे पढ़ाने वाले शिक्षकों को आवास की सुविधा

– किसी कारण से विद्यालय पहुंचने मे थोड़ी देरी पर वेतन न कटे।