अंतःजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण शुरू होते ही नई अड़चन


प्रायगराज : लंबी प्रतीक्षा के बाद जिले के अंदर (अंतःजनपदीय) पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हुई तो नई अड़चन खड़ी हो गई। पारस्परिक स्थानांतरण के लिए तालमेल (पेयर) बनाए जो शिक्षक- शिक्षिकाएं निर्वाचन कार्य के लिए बीएलओ बनाए गए हैं, उनका स्थानांतरण रोक दिया गया है। इसी के साथ उनके साथ पेयर बनाए शिक्षक को भी कार्यमुक्त न करने के निर्देश दिए गए हैं। अचानक स्थानांतरण रोकने के कुछ जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों (बीएसए) के निर्देश के बाद प्रभावित शिक्षक निराश हो गए हैं। शिक्षकों ने बीएलओ कार्य पूर्ण करने का शपथ पत्र देकर पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया पूर्ण किए जाने की मांग की है।

बेसिक शिक्षा परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल के निर्देश पर जिले के अंदर स्थानांतरण पाने के लिए 20,752 शिक्षक/शिक्षिकाओं ने आपस में तालमेल बनाया था। वह स्थानांतरण की प्रतीक्षा ही कर रहे थे कि परिषद सचिव ने पदोन्नति प्रक्रिया शुरू कर दी। पदोन्नति मिलने पर पारस्परिक तालमेल टूटने का खतरा मंडराने लगा। शिक्षकों के विरोध और प्रकरण हाई कोर्ट पहुंच जाने से पदोन्नति प्रक्रिया पिछड़ गई और स्थानांतरण का मार्ग प्रशस्त हो गया। इसके बाद सचिव के निर्देश पर 11 जनवरी से कार्यमुक्त और कार्यभार ग्रहण करने की प्रक्रिया


शुरू कर दी गई। यह 13 जनवरी तक पूरी हो पाती इसके पहले ही अब शुक्रवार को लखनऊ सहित कुछ जिलों के बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए कि चुनाव कार्य के लिए बीएलओ की ड्यूटी में लगे शिक्षक/शिक्षिकाओं को कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा। इस निर्देश के बाद पारस्परिक स्थानांतरण की मुखर होकर मांग करने वाले उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों ने मनमाने ढंग से निर्देश जारी किए हैं। प्रभावित शिक्षक इस आशय का शपथपत्र देने को तैयार हैं कि स्थानांतरण होने के कारण वह जिस दिन बीएलओ का कार्य होगा, जाकर पूरा करेंगे। इसके अलावा यह शपथपत्र भी देने को तैयार हैं कि उनके स्थान पर कार्यभार संभालने वाले शिक्षक बीएलओ का कार्य देखेंगे।