परिषद (यूपी बोर्ड) के नवनियुक्त सचिव भगवती सिंह ने बुधवार को दोपहर बाद कार्यभार ग्रहण कर लिया। सोमवार को सचिव के पद - पर उनकी तैनाती का आदेश हुआ था। 1995 बैच के अधिकारी - भगवती सिंह संयुक्त निदेशक कैंप के पद पर थे। कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कर्मचारियों के साथ - बैठक की और लंबित कार्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करने का -निर्देश दिया।
सत्र 2023-24 में यूपी बोर्ड ने - देश भर में सबसे पहले परिणाम जारी करने का रिकार्ड बनाया था। - इसे बनाए रखने की चुनौती नए - बोर्ड सचिव के सामने होगी। - दिब्यकांत शुक्ल 30 जून 2020 - से सचिव के पद काम कर रहे थे। - उनके पास संयुक्त निदेशक - माध्यमिक शिक्षा के साथ ही बोर्ड का कार्य अतिरिक्त प्रभार के रूप
में था। उन्होंने अपने चार वर्ष के कार्यकाल में बोर्ड की तीन परीक्षाएं कराईं। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए उन्होंने कई बदलाव किया था। इसके लिए सीसीटीवी से कड़ी निगरानी करवाई। परीक्षा में 50 लाख से अधिक विद्यार्थी बैठे थे और महीने भर चली लेकिन
पेपर लीक नहीं हुआ। पूर्व सचिव ने फर्जीवाड़े पर कसी लगाम पूर्व सचिव के
कार्यकाल के दौरान ही फर्जी पंजीकरण रोकने के लिए व्यवस्था ऑनलाइन की गई और उसे आधार से जोड़ दिया गया। विद्यार्थियों के नाम में गलती न हो, इसलिए उसके सत्यापन की व्यवस्था भी हुई। परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव
किया गया। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का समावेश किया गया। अधिकतर काम ऑनलाइन करवाए गए। पढ़ाई के लिए मासिक कैलेंडर जारी किए गए। जिससे निर्धारित अवधि में पाठ्यक्रम पूरा हो सके। इसके अलावा सौ वर्ष पुराने अंक पत्रों और अन्य दस्तावेजों को डिजिटल करने की प्रक्रिया भी शुरू करवाई गई।
इतने सारे बदलाव के बाद बोर्ड की छवि बेहतर हुई है। अब इन बदलाव को और बेहतर दिशा में ले जाना नए सचिव के लिए
चुनौती होगी। सचिव ने कहा कि पूर्व के रिकॉर्ड को कायम रखा जाएगा