"यूनियन बजट 2025: ईवी सेक्टर के लिए बड़े बदलावों की उम्मीद, जानिए क्या हो सकते हैं खास प्रावधान"

 भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र तेजी से विस्तार कर रहा है। सभी ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में उतार रही हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए ईवी क्षेत्र को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। इसी बीच, 1 फरवरी को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2025 पेश करने वाली हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों को कई बड़ी उम्मीदें हैं। ईवी क्षेत्र भी इस बजट से कई बड़ी अपेक्षाएं रखता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बजट में ईवी क्षेत्र के लिए क्या खास प्रावधान किए जाएंगे।



आगामी बजट में ईवी क्षेत्र ने सरकार के सामने कई महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं। आइए जानते हैं कि इस बजट से ईवी क्षेत्र की क्या-क्या उम्मीदें हैं।


टैक्स में राहत की मांग

ईवी क्षेत्र की सबसे बड़ी मांग टैक्स में कटौती है। इस क्षेत्र के हितधारकों ने सरकार से अनुरोध किया है कि ईवी बैटरी पर जीएसटी की दर को 18% से घटाकर 5% किया जाए। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी आएगी और ग्राहकों को अधिक सस्ते विकल्प उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, ईवी लोन पर ब्याज दरों में कमी की भी मांग की गई है, ताकि इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोगों को आर्थिक राहत मिल सके।


चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार

भारत में ईवी क्षेत्र के तेजी से बढ़ते कदम के साथ-साथ मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का होना भी अत्यंत आवश्यक है। इसलिए, उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में सरकार चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण और संचालन के लिए विशेष फंड की घोषणा कर सकती है। इससे देशभर में चार्जिंग सुविधाओं का विस्तार होगा और ईवी उपयोगकर्ताओं को सुविधा मिलेगी।


पीएलआई योजना की शुरुआत

ईवी क्षेत्र में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लागू करने की मांग की जा रही है। इसके साथ ही, सरकार से ईवी खरीदने पर सब्सिडी प्रदान करने की भी मांग की गई है। इन कदमों से न केवल ईवी उद्योग को बल मिलेगा, बल्कि देश में हरित प्रौद्योगिकी को भी प्रोत्साहन मिलेगा।


इस प्रकार, ईवी क्षेत्र इस बजट से कई बड़ी उम्मीदें लगाए हुए है और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए क्या कदम उठाती है।