कानपुर। सेना में कार्यरत सूबेदार के बेटे ने गुजैनी इलाके में घर में फंदे से लटककर जान दे दी। परिजनों का आरोप है कि स्कूल की शिक्षिका ने पढ़ने में कमजोर बताकर शिकायत की।
उसे स्कूल में भगौड़ा कहने पर साथी बच्चे उसका मजाक उड़ाने लगे। इस बात से वह अवसाद में रहने लगा था। शुक्रवार को बच्चे की मां फीस जमा करने स्कूल गई थी। वहां से लौटने पर उन्होंने बच्चे को बताया कि शिक्षिका ने थोड़ी देखरेख करने की बात कही है। इसी के बाद बेटा घर के तीसरे खंड में बने कमरे में गया और फंदे पर लटक गया। सूचना पर पहुंची पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच कर साक्ष्य जुटाए।
मूलरूप से कानपुर देहात के राजपुर क्षेत्र के बैजा गांव निवासी कमल सिंह जम्मू में सेना में सूबेदार हैं। गुजैनी के तात्याटोपेनगर में उनकी पत्नी नीतू और बड़ा बेटा दिलखुश उर्फ बिट्टू (14) और छोटा बेटा कृष्णा सिंह रहते हैं। दिलखुश क्षेत्र के एक स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ता था। परिजनों का आरोप है कि स्कूल की शिक्षिका लगातार बेटे को पढ़ाई में कमजोर होने पर टोकती थी। साथ ही भगौड़ा जैसे शब्दों से संबोधित करती थीं। इस वजह से सहपाठी मजाक उड़ाते थे।शुक्रवार को मां नीतू फीस जमाकर घर पहुंची तो दिलखुश ने शिक्षिका से हुई बातचीत के बारे में पूछा। इसके बाद उसने आत्महत्या कर ली। गुजैनी थाना प्रभारी विनय तिवारी ने बताया कि परिजनों ने स्कूल के शिक्षक पर जुबानी आरोप लगाए हैं। तहरीर मिलने के बाद जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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ड्रम फर्श पर गिरे तब हुई जानकारी
परिजनों ने बताया कि दिलखुश के खुदकुशी करते ही दोनों ड्रम तेज आवाज में फर्श पर गिरे। इस पर मां को कुछ शंका हुई। वह ऊपर जाने लगी तो दरवाजा अंदर से बंद था। इस पर उसे घबराहट हुई तो परिवार के अन्य लोगों को सूचना दी गई। इसके बाद आंगन के लोहे के जाल को दो घंटे की मशक्कत से काटकर कृष्णा को चढ़ाया गया। इसके बाद दरवाजा खुलवाकर वह लोग ऊपर पहुंचे। वहां का दृश्य देखकर उन लोगों की चीखें निकल गईं।
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दोस्त मिलने आयातब हाथ में लिए था रस्सी
परिजनों ने बताया कि घटना से कुछ देर पहले एक दोस्त घर उससे मिलने आया था। उस दौरान वह नायलॉन रस्सी हाथ में पकड़े था। उसके जाने के बाद और मां व छोटे भाई के व्यस्त होने पर वह ऊपर गया और मौत चुन ली।