परिषदीय विद्यालयों में डेस्क-बेंच की आपूर्ति करने के मामले में जांच शुरू

 

ज्ञानपुर। जिले के 123 परिषदीय विद्यालयों में डेस्क-बेंच की आपूर्ति करने के मामले में जांच शुरू हो गई है। डीएम विशाल सिंह के निर्देश पर सीडीओ प्रकरण की जांच कर रहे हैं। इसमें फर्म के जुडे अभिलेखों का सत्यापन किया जा रहा है। इससे आपूर्ति करने वाली फर्म की मुश्किलें बढ़नी तय है।



जिले के 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालयों में बच्चों को टाट-पट्टी से छुटकारा दिलाने के लिए डेस्क-बेंच की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए शासन ने पांच करोड़ 10 लाख रुपये स्वीकृत किया था। करीब सात महीने पूर्व बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से निविदा आमंत्रित की गई। इसमें छह से सात फर्मों ने आवेदन किया।



 चयन समिति की तरफ से एटा की एक फर्म का चयन किया गया। उसने स्कूलों में डेस्क-बेंच की आपूर्ति भी कर दिया। फर्म की पोल पट्टी तब खुली जब उसी संस्था ने मिर्जापुर में डेस्क-बेंच आपूर्ति के लिए आवेदन किया। मिर्जापुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच कराई तो फर्म का टर्नओवर मानक से कम मिला, साथ ही अनुभव भी कम पाया गया। इसके अलावा जिस नवोदय विद्यालय में दो करोड़ का काम दिखाया गया, वह भी सही नहीं मिला। जिस पर वहां फर्म के आवेदन को निरस्त कर दिया। पड़ोसी जिले में आवेदन निरस्त होने और जिले में टेंडर मिलने के मामले में डीएम ने पूर्व में फाइल तलब किया था। जिसके बाद मामले की जांच सीडीओ को सौंप दिया। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. शिवाकांत द्विवेदी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। सभी अभिलेखों को देखा जा रहा है। कमी मिलेगी तो कार्रवाई तय की जाएगी।