सरकारी डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस से रोकेंगे डीएम

लखनऊ,  प्रदेश के सरकारी डॉक्टर और चिकित्सा शिक्षक अब प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। निजी प्रैक्टिस को प्रतिबंधित करने के लिए प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को हर हाल में निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।


इस संबंध में गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने आदेश जारी किया है। इसमें सभी डीएम, पुलिस आयुक्तों और सीएमओ को निर्देश दिया है कि वे राजकीय चिकित्सा शिक्षकों और सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस की जांच करें। यदि कोई भी इस काम में लिप्त पाया जाता है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति शासन को करें। यह संस्तुति हर हाल में 20 फरवरी तक कर दी जाए। इस आदेश के फलस्वरूप अब राजकीय चिकित्सा शिक्षकों व चिकित्सकों को अपनी निजी प्रैक्टिस बंद करनी होगी। यदि कोई भी इसमें लिप्त पाया जाता है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। शासन ने यह आदेश हाईकोर्ट के निजी प्रैक्टिस को लेकर दिए गए आदेशों के क्रम में किए गए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 27 फरवरी को होनी है।