लखनऊ, । कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की बालिकाएं अब खेलों में प्रदेश का नाम रोशन करेंगी। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) कस्तूरबा बालिका विद्यालय की बालिकाओं को खेलों में प्रशिक्षण देगा। राज्य सरकार जल्द ही साई के साथ एमओयू करने जा रही है।
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फिलहाल प्रदेश के कुल 746 केजीबीवी में से 680 केजीबीवी की बालिकाओं के लिए यह सुविधा शुरू करने का निर्णय किया गया है।
680 केजीबीवी में भी चरणबद्ध तरीके से साई अपना प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगा। पहले चरण के लिए 115 केजीबीवी को उपयुक्त माना गया है। प्रदेश में कुल 746 आवासीय केजीबीवी है, जिनमें 82629 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।
इनमें से 680 को वर्तमान शिक्षण सत्र में 12वीं कक्षा तक उच्चीकृत किया जा चुका है। सरकार खेलों में बालिकाओं को बढ़ावा देना चाहती है। केजीबीवी से इसकी शुरुआत करने की तैयारी है। समझौते के बाद साई चयनित केजीबीवी में कैम्प लगाकर अलग-अलग खेलों की ट्रायल कराएगा और जो बालिका जिस खेल में दिलचस्पी दिखाएगी या पूर्व से ही खेलती रही होगी, उसे ट्रायल में पास होने के बाद साई के कोच महीने भर की विशेष ट्रेनिंग देंगे। शिक्षा विभाग ने इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में 60 करोड़ रुपये की मांग की है। बताया जाता है कि शासन के निर्देश पर ही विभाग ने केजीबीवी में बालिकाओं को अलग-अलग खेलों में पारंगत कराने के लिए साई से प्रशिक्षण कराने का प्रस्ताव भेजा है।
इन खेलों में प्रशिक्षण
खोखो, कुश्ती, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी, कबड्डी, तलवारबाजी, क्रिकेट, बैडमिंडन, टेबुल टेनिस, फुटबाल, वॉलीबाल, तीरंदाजी एवं एथलेटिक्स में प्रतिभाशाली बालिकाओं को विशेष तैयारी कराने की योजना है। ट्रायल में चयनित बालिकाओं में से जो अत्यधिक प्रतिभाशाली बालिकाएं होंगी साई उन बालिकाओं को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करेगा।
अलग-अलग केजीबीवी में चयनित बालिकाओं की संख्या के आधार पर कैम्प लगाए जाएंगे जिनमें एनआईएस (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सपोर्टस) के कोच चयनित बालिकाओं को खेलो इंडिया खेलो व राष्ट्रीय खेल में पदक हासिल करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें राज्य सरकार अतिरिक्त रूप से आर्थिक सहयोग प्रदान करेगी।