लखनऊ, । एलयू में शैक्षिक संचार संघ (सीईसी) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आगाज गुरुवार को हुआ। ऐतिहासिक मालवीय सभागार में मुख्य अतिथि कुलाधिपति, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने तीन दिवसीय फेस्ट का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि फिल्में भारत में शिक्षा के स्तर को बेहतर करने का सबसे सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया और शैक्षिक फिल्मों के बढ़ते दायरे पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत में तेजी से इसका प्रसार हो रहा है। इसलिए फिल्में शिक्षा के स्तर को गढ़ने का एक अच्छा माध्यम हो सकती हैं।
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कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने इस अवसर पर कहा कि संवाद में कंटेंट का महत्व सात फीसदी है। दृश्य, छायाचित्र कहानियों के माध्यम से फिल्मांकन लोगों को अधिक प्रभावित करता है। सीईसी के निदेशक प्रो. जगत भूषण नड्डा ने कहा कि शैक्षिक फिल्में देश के विकास में अहम योगदान दे सकती हैं। इसलिए यूजीसी और सीईसी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मूक कोर्सेज के जरिए शिक्षण को बेहतर करने का काम कर रहा है।
दास और माइकल के सफर ने मोहा मन
फिल्म महोत्सव में पहले दिन कई लघु फिल्मों और डाक्यूमेंट्री का प्रदर्शन हुआ। पहली फिल्म कोलकाता के प्रख्यात वेंट्रिलोक्विस्ट (पेट से बोलने वाले) प्रबीर कुमार दास के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री मी एंड माइकल थी। इस लघु फिल्म ने दास और कठपुतली साथी माइकल के भावनात्मक और पेशेवर सफर को खूबसूरती से प्रस्तुत किया।