मैड्रिड, एजेंसी। भारत के स्कूलों में नया सत्र शुरू हुआ है। इसमें स्मार्ट क्लासेज का चलन जोरों पर है,जो नई चीजों को सिखाने के लिए डिजिटल संसाधनों का उपयोग करता है। एक नए शोध का दावा है कि हाथ से कॉपी पर लिखने वाले बच्चे कीबोर्ड टाइपिंग की तुलना में ज्यादा सीखते-समझते हैं।
कंप्यूटर पर टाइपिंग से पढ़ाई कराई जाती है, जिससे बच्चे पेंसिल या कागज की जगह कीबोर्ड का इस्तेमाल करने लगे हैं। इसी विषय पर स्पेन की बास्क यूनिवर्सिटी का एक अध्ययन जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल चाइल्ड साइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ। इसमें बच्चों के नए अक्षर और शब्द सीखने की क्षमता पर होने वाले असर का आकलन किया गया। अध्ययन में बच्चों के कौशल पर हाथ से लिखने और कीबोर्ड प्रशिक्षण के प्रभावों का विश्लेषण करने के लिए तुलना की गई। अध्ययन में पाया गया कि बच्चों के पढ़ने और लिखने के कौशल में हाथ से लिखने का अभ्यास करने से बहुत अधिक सुधार होता है। कंप्यूटर या कीबोर्ड से टाइप करके ऐसा नहीं हो रहा है। शोधकर्ता जोआना अचा के अनुसार, ‘हमने यह समझने की कोशिश की कि बच्चों के हाथ से कम लिखने पर, इससे उनकी भाषा सीखने की क्षमता पर क्या असर पड़ता है। हमने निष्कर्ष निकाला कि जिन बच्चों ने लिखने में हाथों का इस्तेमाल किया, उन्होंने सर्वश्रेष्ठ नतीजे हासिल किए।’
अध्ययन का निष्कर्ष : शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पांच से छह साल के बच्चों को शामिल किया। इस उम्र में बच्चे पढ़ना, लिखना और सीखना शुरू करते हैं। इसमें पता चला कि हाथ से लिखते समय बच्चा अक्षरों के आकार को ट्रेस करता है, जिससे हाथ और दिमाग का समन्वय मजबूत होता है।