अमरोहा। परिषदीय स्कूलों में बच्चों की नामांकन संख्या बढ़ाने को हर जतन किए जाते हैं। स्कूल चलो अभियान के तहत तमाम जागरूकता रैली और जनसंपर्क अभियान से स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाए जाने की कोशिश भी जाती है। इसके बाद भी स्कूलों में बच्चों के नामांकन को गति नहीं मिल पाती है।
जनपद में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां बच्चों के नामांकन की संख्या 50 से भी कम है। ऐसे स्कूलों को अब पास के स्कूलों के साथ एकीकरण करने की कवायद शासन स्तर से शुरू की गई है। इसके लिए जिले से भी ऐसे स्कूलों का आंकड़ा इकट्ठा किया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। फिलहाल सभी बीईओ से ऐसे स्कूलों की जानकारी मांगी गई है।
बेसिक शिक्षा के अधीन जिले में 1266 परिषदीय स्कूल संचालित है। इनमें 786 प्राथमिक, 185 उच्च प्राथमिक और 295 कंपोजिट विद्यालय हैं। इन परिषदीय स्कूलों में कई स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्र संख्या बेहद कम है। साथ ही शिक्षक छात्र का मानक अनुपात भी ठीक नहीं है। कहीं कम छात्र संख्या पर अधिक शिक्षकों की तैनाती है, तो कहीं अधिक छात्र संख्या होने के बाद भी कम शिक्षकों की तैनाती की गई है।
इसको देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को पास के स्कूलों के साथ पेयरिंग (एकीकरण) करने की कवायद शुरू कर दी है। जिले में सभी बीईओ से ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई है। जहां छात्र संख्या 50 से कम है।
दूरी और नदी का भी रखना होगा ध्यान
स्कूलों की पेयरिंग करते हुए बच्चों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा। इसमें ऐसे स्कूलों की पेयरिंग नहीं हो सकेगी, जिनके बीच की दूरी अधिक हो या कोई नदी बीच में न आ रही हो.
पहले भी जुटाया था डाटा
विभाग द्वारा कम छात्र संख्या वाले ऐसे स्कूलों का डाटा पहले भी जुटाया गया था, लेकिन इसके बाद नामांकन अभियान शुरू होने पर कई स्कूलों की छात्र संख्या में बदलाव हुआ है। जहां 40 से 50 के बीच में छात्र संख्या थी, वहां नामांकन होने के कारण छात्र संख्या बढ़ गई। इसके चलते ऐसे स्कूलों को शामिल नहीं किया जाएगा।
शासन के निर्देश पर कम छात्रा संख्या वाले स्कूलों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए सभी बीईओ को निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद इसको शासन में भेजा जाएगा। इसके बाद जो निर्देश मिलेंगे, उसके तहत कार्रवाई की जाएगी। डॉ. मोनिका, बीएसए