लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के कम नामांकन वाले परिषदीय स्कूलों के बच्चों को शिफ्ट करने का असर स्कूलों के संसाधनों पर भी पड़ेगा। एक तरफ स्कूलों में उपलब्ध वर्तमान संसाधनों का तो बेहतर प्रयोग होगा तो दूसरी ओर आईसीटी लैब व स्मार्ट क्लास की संख्या भी बढ़ेगी। बता दें कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से बेहतर नामांकन वाले विद्यालयों को बजट दिया जाता है।
बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया है कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बजट दिया जाता है। इस क्रम में 75 छात्र नामांकन वाले उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों में स्मार्ट क्लास व 125 छात्र नामांकन वाले उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों में आईसीटी
लैब के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में अनुमोदन दिया है।
उन्होंने कहा है कि कम छात्र-नामांकन वाले विद्यालयों को आईसीटी सुविधाओं का लाभ देने के लिए संसाधनों का साझा और समन्वित प्रयोग छात्रहित में है। एक निर्धारित समय सारिणी से इन विद्यालयों के छात्र-छात्राएं संसाधनों का बेहतर प्रयोग कर सकेंगे। सभी छात्रों को समान अवसर मिलेगा।
इतना ही नहीं पर्याप्त छात्र नामांकन होने से छात्र-छात्राओं में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी होगी। उन्होंने कहा है कि एक परिसर में विस्तृत शैक्षणिक व अवस्थापना सुविधाएं बेहतर होंगी तो नामांकन भी बढ़ेगा। अभिभावक ऐसे स्कूलों में अपने बच्चों को भेजेंगे। एक ही परिसर में सभी कक्षाओं के अलग-अलग चलने से गुणवत्ता बढ़ेगी और ड्रॉप आउट दर में भी कमी आएगी