लखनऊ। प्रदेश के एडेड माध्यमिक विद्यालयों में गर्मी की छुट्टियों के बाद मंगलवार से पढ़ाई शुरू हो चुकी है, लेकिन सैकड़ों शिक्षक अब भी तबादले की प्रक्रिया में उलझे हुए हैं। इसका सीधा असर स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई पर दिखने लगा है। कई स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की कमी है। अब शिक्षक पढ़ाने की जगह आंदोलन की तैयारी में हैं।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने एडेड कालेजों में आनलाइन तबादले के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों की सूची 27 जून को तो जारी कर दी, लेकिन सूची में चयनित करीब 360 शिक्षकों में से आधे अभी तक पुराने विद्यालय से कार्यमुक्त नहीं हो पाए हैं। वजह जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) की ओर से कार्यमुक्ति आदेश जारी नहीं किया गया है।
इधर जिन शिक्षकों ने आफलाइन आवेदन किया था, उनकी संख्या लगभग 1200 है। इनकी फाइलें अब भी निदेशालय स्तर पर लंबित हैं और तबादला प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। शुरू में विभाग ने कहा था कि आनलाइन और आफलाइन दोनों सूचियां एक साथ जारी होंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
स्थिति यह है कि जो शिक्षक आफलाइन आवेदन कर चुके हैं और एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) भी ले चुके हैं, वे भी असमंजस में हैं कि अब क्या करें। तबादला होगा या नहीं, इसकी स्पष्टता न होने से शिक्षकों का मनोबल गिरा है और विद्यालयों में शैक्षणिक माहौल प्रभावित हो रहा है।
वहीं, अभी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में आफलाइन तबादलों को लेकर उच्च स्तर पर मंथन जारी है, लेकिन कोई ठोस निर्णय अब तक नहीं हो सका है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर जल्द तबादला प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो शिक्षक प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे।