13 September 2025

SC को अंधेरे में रखकर टेट अनिवार्यता का आदेश जारी कराया गया

 

गाजीपुर। सर्वोच्च न्यायालय की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा के संबंध में दिए गए निर्णय को लेकर उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने बृहस्पतिवार को सरजू पांडेय पार्क में धरना दिया। धरना दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक चला। 




अंत में प्रधानमंत्री व शिक्षामंत्री को संबोधित पत्रक नायब तहसीलदार करंडा दिनेश श्रीवास्तव को पत्रक सौंपा। संगठन के जिलाध्यक्ष राधेश्याम सिंह यादव ने कहा कि शिक्षकों को सेवा से बाहर करने का षड्यंत्र है। सुप्रीम कोर्ट को अंधकार में रखकर टेट अनिवार्यता का आदेश जारी कराया गया है। इसे वापस कराया जाए। मंडल अध्यक्ष वेद प्रकाश पांडेय ने कहा कि सरकार ने बेसिक शिक्षकों को पहले सरप्लस किया, फिर विद्यालयों को मर्जर किया और अब टेट अनिवार्यता लाकर नौकरी ही समाप्त करने की योजना बना दी है। 



महामंत्री अजय कुमार ने कहा कि 23 अगस्त 2010 के अधिसूचना में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि उक्त तिथि से पूर्व नियुक्त शिक्षक टेट परीक्षा से छूट के पात्र हैं। यह अधिसूचना वर्तमान विवाद के केंद्र में स्थित है। इसकी संपूर्ण व्याख्या आवश्यक है तथा शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 के लागू होने के पूर्व तत्समय निर्धारित अहर्ता को पूर्ण करते हुए नियुक्त शिक्षको को अध्यादेश लाकर कानून में संशोधन कर शिक्षक पात्रता परीक्षा से मुक्त किया जाए। जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र राम ने बताया कि 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के पैराग्राफ 4 को संपूर्णता में न लाकर आंशिक रूप से विचारित किया गया है, जिससे आज इस तरह का आदेश किया गया है। केंद्र सरकार इसे संशोधन कराकर नया पारित कराया जाए। इस मौके पर ओमप्रकाश सिंह, अवधेश सिंह यादव, कृष्ण कुमार सिंह, राम आशीष यादव, संतोष कुशवाहा आदि मौजूद रहे।