लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों ने एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में 28 अक्तूबर को होने वाली सुनवाई में याची लाभ देने की मांग उठाई है। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव बेसिक व माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिक रानी, बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल व सचिव सुरेंद्र तिवारी को पत्र भेजा है।
अभ्यर्थियों ने कहा है कि इस मामले का याची लाभ से ही निस्तारण हो सकता है। वहीं 2020 से याची बनकर न्याय की लड़ाई लड़ रहे अभ्यर्थियों को न्याय भी मिल जाएगा। पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप व प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह के आह्वान पर 12 अक्तूबर को लखनऊ में आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों की एक बैठक होगी। इसमें विभिन्न जिलों के अभ्यर्थी आगामी रणनीति बनाएंगे। बैठक में यह मुद्दा भी उठेगा कि आखिर प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर इस भर्ती में चयनित बीएड शिक्षकों को ब्रिज कोर्स कराने की अनुमति कैसे ले ली गई।
सुशील कश्यप ने कहा कि जब 69000 शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट लखनऊ डबल बेंच के आदेश से 13 अगस्त 2024 से पूरी तरह से रद्द है। इसका अभी कोई निस्तारण नहीं हुआ है और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। तो आखिर रद्द सूची पर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करके अनुमति प्राप्त करके ब्रिज कोर्स आखिर कैसे करा सकती है। उन्होंने कहा कि जब तक यह मामला निस्तारित नहीं हो जाता तब तक वे इस भर्ती में ब्रिज कोर्स नहीं होने देंगे। ब्रिज कोर्स के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में बहुत जल्द याचिका दाखिल की जाएगी।