लखनऊ, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने आरोप लगाया है कि आर्थिक तंगी के कारण प्रदेश भर में कार्यरत करीब 1.46 लाख शिक्षामित्र आज भीषण आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। संगठन के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने बताया कि शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षामित्र को शीघ्र ही मानदेय वृद्धि किए जाने का आश्वासन दिया गया था परंतु मानदेय वृद्धि कब होगी इसकी कोई भी जानकारी विभाग के पास स्पष्ट नहीं है। फलस्वरूप शिक्षामित्र आर्थिक तंगी एवं धन अभाव में बीमारी का इलाज तक नहीं करवा पा रहे, जिससे वे दिन-प्रतिदिन काल के गाल में समाते जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में विगत अक्तूबर में ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में 18 शिक्षामित्र अकाल मृत्यु के शिकार हो गए एवं 25 जुलाई 2017 को समायोजन निरस्त होने से आज तक हजारों की संख्या में शिक्षामित्र की आर्थिक तंगी से जूझते हुए मृत्यु हो चुकी है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ मांग करता है कि शिक्षामित्रों की पीड़ा को समझते हुए न्यायसंगत अति शीघ्र मानदेय वृद्धि किया जाए। जहां एक और विद्यालय में कार्यरत सहायक शिक्षक को लगभग ₹60000 प्रति माह मिल रहा है, वहीं बराबर कार्यों में सहभागिता करने वाले शिक्षामित्र ₹10000 में अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं।

