प्रदेश के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने की कवायद तेज हो गई है। उच्च न्यायालय की ओर से दिए गए निर्देश के क्रम में शासन ने एक 12 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो 15 दिन के अंदर शासन को अपना प्रस्ताव देगी।
उच्च न्यायालय में लीला सिंह चौहान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में पारित आदेश के क्रम में 30 अक्तूबर को मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। इसमें लिए गए निर्णय के क्रम में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए समिति का गठन किया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के उप सचिव आनंद कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश के अनुसार, समिति बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगी। इसमें महानिदेशक स्कूल शिक्षा, समाज कल्याण विभाग के निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक, बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक व सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली को सदस्य बनाया गया है।
साथ ही शिक्षकों के भी सुझाव लेने के लिए संभल के शिक्षक दिनेश शर्मा, बाराबंकी के सुशील पांडेय, बस्ती के शिवशंकर सिंह, बाराबंकी की सुलोचना मौर्या, हरदोई के योगेश त्यागी, सीतापुर के अपूर्व दीक्षित को भी सदस्य बनाया गया है। उप सचिव ने कहा है कि यह समिति प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 15 दिन में अपना प्रस्ताव देगी।
विरोध के कारण स्थगित हुई थी डिजिटल अटेंडेंस
बता दें कि पूर्व में भी परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए डिजिटल अटेंडेंस लागू करने की कवायद शुरू की गई थी किंतु प्रदेशभर में हुए विरोध के बाद इसे उस समय स्थगित कर दिया गया था। साथ ही तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में एक कमेटी बनाकर शिक्षकों की समस्याओं के समाधान करने के बाद इसे लागू करने की बात कही गई थी।

