लखनऊ। प्राइमरी स्कूल के अधिकांश शिक्षक और शिक्षामित्र की विधान सभा व पंचायत में बीएलओ और पर्यवेक्षक बनाए जाने से बच्चों की पढ़ाई बेपटरी हो गई। शिक्षक स्कूलों से कार्यमुक्त होकर एसआईआर के काम में लग गए हैं। करीब 18 स्कूल ऐसे हैं। जिनके प्रधानाध्यापक और शिक्षक दोनों की ड्यूटी लगी है। करीब 50 स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक बचे हैं। इनके ऊपर सभी कक्षाओं के बच्चों के पढ़ाने की जिम्मेदारी आ गई है।
बच्चों का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है। अगले माह से अर्ध वार्षिक परीक्षाएं होनी हैं। ऐसे में शिक्षकों को स्कूल व बच्चों को निपुण बनाना काफी मुश्किल हो सकता है। विभाग के अधिकारी मार्च तक सभी को निपुण बनाने का दबाव बना रहे हैं।
लखनऊ में संचालित 1619 प्राइमरी स्कूल में तैनात करीब ढाई हजार शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों को बीएलओ और पर्येक्षक के काम में लगाया गया है। इनमें शिक्षक सबसे अधिक लगाए गए हैं। काकोरी ब्लॉक के 238 प्रधानाध्यापक व शिक्षक, सरोजनीनगर के 200, मलिहाबाद में 130 शिक्षक, माल में 160, बीकेटी में 150 से अधिक शिक्षक लगाए गए हैं।
शिक्षकों का कहना है कि किसी भी कक्षा का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है। एक शिक्षक मित्र के सहारे सभी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाना संभव नहीं है।अर्ध वार्षिक परीक्षाएं भी होने वाली हैं।
काकोरी के इन 15 स्कूलों में सभी की लगा दी ड्यूटी
सबसे अधिक काकारी ब्लॉक के करीब 15 स्कूलों के प्रधानाध्यापक और सभी शिक्षकों की ड़्यूटी लगी है। इनमें प्राइमरी स्कूल नरौना, मेंहदीनगर, मैदपुर नवीन, पलिया, बेढ़ौना प्राइमरी स्कूल, अपर प्राइमरी स्कूल सरसण्डा, प्राइमरी स्कूल फतेहगंज, ग्वालपुर, मौरा, ईटगांव, टाड़खेड़ा, अपर प्राइमरी स्कूल शाहपुर व थावर, प्राइमरी स्कूल दशहरी, बेलवा में शिक्षक ही नहीं बचे हैं। माल के प्राइमरी स्कूल मुगलखेड़ा व अपर प्राइमरी मसीढ़ा हमीर और सरोजनीनगर के प्राइमरी स्कूल सोहावा समेत दूसरे ब्लॉक के करीब आधा दर्जन स्कूलों में सभी की ड्यूटी लगी है।
प्राथमिक शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रशासन ने पंचायत व विधान सभा में बीएलओ व पर्यवेक्षक ड्यूटी में सबसे अधिक शिक्षक व शिक्षामित्र हैं। इसके अलावा ग्राम विकास अधिकारी, लेखपाल, कृषि सुपरवाइजर, पंचायत सहायक या तहसील व कलक्ट्रेट के कर्मियों को इस काम में लगाया जा सकता था।
चुनाव आयोग के निर्देश पर शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक को बीएलओ ड्यूटी में लगाया गया है। स्कूल में शिक्षण कार्य पूरा करने के बाद बीएलओ का काम करेंगे। इन्हें इसका मानदेय दिया जाएगा।
राम प्रवेश, बीएसए

