राज्य सरकार मृत बीएलओ को सरकारी कर्मियों की तरह वही सुविधाएं देगी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी।
कांग्रेस की आरधना मिश्रा मोना ने कहा कि एसआईआर के दौरान प्रदेश में अब तक 10 बीएलओ की मौतें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि एसआईआर को लेकर इतनी जल्दबाजी क्यों है? वर्ष 2003 में भी एसआईआर हुआ, उस समय लोगों का नाम शामिल किया गया,न कि हटाया गया। इस समय होने वाले एसआईआर में नाम शामिल करने के स्थान पर हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते बीएलओ की मौतें हुईं। इसकी जवाबदेही बनती है।

