अनुमान: छोटी बचत योजनाओं पर राहत जारी रहने के आसार
चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए नई ब्याज दरों का ऐलान 31 दिसंबर के आसपास किया जाएगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस साल रेपो दर में 1.25 फीसदी की कटौती किए जाने के बावजूद सरकार इस बार भी ब्याज दरों को यथावत रख सकती है। बीती सात तिमाहियों से ब्याज दरें स्थिर बनी हुई हैं।
वर्तमान में सरकार डाकघर बचत, पीपीएफ, सुकन्या, वरिष्ठ नागरिक, राष्ट्रीय बचत पत्र समेत कुल 12 तरह की योजनाएं चला रही है। निवेशकों को लंबी अवधि में ज्यादा मुनाफा देने के लिए सरकार हर तीन माह में ब्याज दरों की समीक्षा करने के बाद उन्हें संशोधित करती है।
पिछली सात तिमाहियों से इन दरों में बदलाव नहीं किया गया है। इसके तहत पीपीएफ की ब्याज दर 7.1%, राष्ट्रीय बचत पत्र की 7.7% और सुकन्या समृद्धि योजना की 8.2% बनी हुई है।
सरकार 12 तरह की छोटी बचत योजनाएं चला रही
लघु बचत योजना मौजूदा ब्याज दर
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना 8.2
सुकन्या समृद्धि योजना 8.2
सार्वजनिक भविष्य निधि योजना 7.1
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र 7.7
किसान विकास पत्र 7.5
डाकघर मासिक आय योजना 7.4
1 साल से 5 साल तक के डाकघर सावधि जमा योजना 6.9 से 7.5
5 साल की डाकघर आवर्ती जमा योजना 6.7
● मौजूदा ब्याज दर प्रतिशत में
फीसदी कम हो चुकी है इस साल रेपो दर
1.25
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
आरबीआई की कटौती के बाद रेपो दर 5.25% पर पहुंच गई है। यह कटौती कम मुद्रास्फीति और मजबूत आर्थिक विकास के बीच की गई है, जिसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना है। हालांकि, आरबीआई की इन कटौतियों के बावजूद, छोटी बचत योजनाओं की दरों में बदलाव की संभावना कम लगती है। विशेषज्ञों का आकलन है कि सरकार इन दरों को स्थिर रख सकती है, क्योंकि बाजार दरों में गिरावट के बीच बचतकर्ताओं को आकर्षित करने और राजकोषीय घाटे को वित्तपोषित करने के लिए उच्च दरें आवश्यक हैं। ✔वर्तमान ब्याज दरें पहले से स्थिर हैं और उनका प्रभाव सकारात्मक रहा है।
रेपो दर में भारी कटौती
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस साल अब तक रेपो दर में 1.25 फीसदी की कटौती है। सबसे पहले फरवरी और अप्रैल में 25-25 आधार अंक और जून में 50 आधार अंक की कटौती की गई। इसके बाद दिसंबर में 25 आधार अंकों की एक और कटौती की। इसे देखते हुए कई प्रमुख बैंकों ने बचत खाते और एफडी की ब्याज दरों में पहले ही कटौती लागू कर दी है।

