भर्तियों पर ताला, कोई नहीं सुनने वाला:- पद रिक्त होने बावजूद नौकरी नहीं, ‘ताली-थाली’ बजाएंगे अभ्यर्थी


प्रयागराज :  ‘रोजगार सिर्फ सरकारी नौकरी को नहीं कहते, पर यह तो मानोगे न कि सरकारी नौकरी को भी रोजगार कहते हैं।’ सोशल मीडिया पर इन दिनों ऐसे ही बयान छाए हुए हैं। कोरोना काल में बढ़ी बेरोजगारी में युवाओं का सब्र टूटने लगा है। तेजी से फैल रहे संक्रमण के कारण अभ्यर्थी भले ही अपनी बात रखने के लिए धरना-प्रदर्शन न कर सकें, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलन छेड़ दिया है।


उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत 13 विषयों के चयनित 4243 अभ्यर्थियों का रिजल्ट पिछले साल ही जारी किया जा चुका है, लेकिन अभी नियुक्ति नहीं मिली है। वहीं, हिंदी एवं सामाजिक विज्ञान के 3278 पदों का रिजल्ट पेपर लीक मामले में अटका हुआ है। एलटी ग्रेड शिक्षक के 10768 पदों पर भर्ती के लिए दो साल पहले चार लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी, लेकिन अब तक एक पद पर भी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हुई।

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में शामिल हुए रत्नेश शुक्ला, अपर्णा पांडेय, महेंद्र कुमार, विकास, पवन तिवारी समेत हजारों अभ्यर्थी कई महीनों से सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे हैं। बेरोजगारी के मुद्दे पर पांच सितंबर को शाम पांच बजे ‘ताली बचाओ, थाली बचाओ’ आंदोलन में भी प्रतियोगी छात्र शामिल होकर अपना प्रतिवाद दर्ज कराएंगे।

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक रिपोर्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसके अनुसार केंद्र सरकार के जॉब पोर्टल पर 40 दिनों में 69 लाख बेरोजगारों ने रजिस्टर किया, जिसमें काम मिला मात्र 7700 को, यानी 1000 में एक व्यक्ति को। केवल 14 से 21 अगस्त के बीच एक सप्ताह में सात लाख लोगों ने रजिस्टर किया, जिसमें मात्र 691 लोगों को काम मिला, जो एक फीसदी यानी 1000 में एक से भी कम है।

टीजीटी-2016 जीव विज्ञान के अभ्यर्थी रमेश सरोज, आनंद यादव का कहना है कि चार साल बाद भी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने जीव विज्ञान की परीक्षा नहीं कराई। टीजीटी जीव विज्ञान के 304 पदों के आवेदन करने वाले 67 हजार बेरोजगार युवा चार साल से भटक रहे हैं। वहीं, टीजीटी-2011 जीव विज्ञान की लिखित परीक्षा का आज तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया। ऐसे में बेरोजगारी का आंकड़ा तो बढ़ेगा ही।

एसएससी, बैंक और रेलवे की भर्तियों का भी यही हाल है। पद रिक्त होने के बावजूद भर्तियां नहीं की जा रही हैं। एसएसी के अभ्यर्थी आंनद शुक्ला, प्रिया सिंह, लक्ष्मी त्रिपाठी प्रियंका पांडेय, शिवानी सिंह, प्रवेश मिश्र का कहना है कि कोरोनाकाल में परिवार की स्थिति आर्थिक रूप से कमजोर हुई है, ऐसे में समय से नौकरी मिल जाती तो परिवार को सहारा मिलता। लेकिन, एसएससी ने पुरानी वैंकेसियों की परीक्षा अब तक नहीं कराई है और नई वैकेंसियां नहीं आ रही हैं।

वहीं, रेलवे भर्ती के अभ्यर्थी आलोक कुमार और मोहम्मद ताहिर का कहना है कि रेलवे ने पिछले साल एनटीपीसी में भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। आवेदन की प्रक्रिया को साल भर बीत चुके हैं और परीक्षा का अब तक कुछ पता नहीं। वहीं, प्रदेश के अशाकीय महाविद्यालयों में चार से असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए कोई नया विज्ञापन जारी नहीं हुआ है, जबकि कॉलेजों में 3900 पद खाली पड़े हैं।