उत्तर प्रदेश सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कार्मिकों के साथ ही अब होगा काम, जानिए क्या स्कूलों में भी लागू यह व्यवस्था

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर के गति पकडऩे के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सतर्कता भी बढ़ा दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिए गठित उच्चस्तरीय टीम-09 की बैठक में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए नई गाइडलाइन भी जारी कर दी है। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कार्मिकों के साथ ही कार्य कराएं। किसी भी कीमत में 50 प्रतिशत से अधिक कर्मी एक समय में किसी भी दफ्तर में ना आएं।



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कहा कि राज्य सरकार हर एक प्रदेशवासी के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है। इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। बीते कुछ दिनों से प्रदेश में कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लोगों में पैनिक न हों, अत: उन्हें सही, सटीक और समुचित जानकारी दी जाए। प्रदेश के सभी शासकीय तथा निजी कार्यालयों में (आवश्यक सेवाओं के अलावा) एक समय में 50 प्रतिशत कार्मिकों की भौतिक उपस्थिति की व्यवस्था लागू की जाए।



मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जगह पर आवश्यकतानुसार वर्क फ्राम होम संस्कृति को प्रोत्साहित किया जाए। निजी क्षेत्र के कार्यालयों में सेवारत कोई कर्मचारी यदि कोविड पॉजिटिव होता है तो उसे भी न्यूनतम सात दिनों का वेतन सहित अवकाश अनुमन्य कराया जाए। सभी कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य रूप से हो। बिना स्क्रीनिंग किसी को प्रवेश न दें। इसके साथ सरकारी/निजी क्षेत्र के सभी अस्पतालों में ओपीडी मरीजों के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट को प्रोत्साहित किया जाए। विशेष परिस्थिति में ही लोग मरीज अस्पताल आएं। मरीजों के लिए टेलिकन्सल्टेशन की सुविधा का विकल्प दिया जाना चाहिए।



सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बस, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर टेस्टिंग के दौरान कोविड पॉजिटिव पाए जा रहे लोगों को संस्थागत आइसोलेशन में रखा जाए। इनके लिए सभी जगह पर क्वारन्टीन सेंटर, भोजन और समुचित उपचार की पुख्ता व्यवस्था की जाए। लोगों को मास्क पहनने, टीकाकवर लेने और सोशल डिस्टेन्सिंग के लिए प्रेरित किया जाए। बचाव का यह सर्वोत्तम प्राथमिक उपाय है।

मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिया कि जनपदों में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को सातों दिन 24 घंटा एक्टिव रखा जाए। पूर्व की भांति वहां नियमित बैठकें आयोजित की जाएं। आईसीसीसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल मौजूद रहे। लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा दी जाए। आईसीसीसी हेल्पनंबर सार्वजनिक कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। लोग किसी जरूरत पर तत्काल वहां संपर्क कर सकते हैं। हर जिले के नोडल अधिकारियों को उनके सम्बंधित जनपदों में तीन दिवसीय प्रवास पर भेजा जाए। प्रवास के दौरान यह नोडल अधिकारी जिलों में कोविड ट्रेसिंग, टेस्टिंग, टीकाकरण, अस्पतालों की व्यवस्था, गौशालाओं के प्रबंधन, रैन बसेरों के इंतजाम आदि का निरीक्षण करेंगे। आवश्यकतानुसार व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान सभी औद्योगिक इकाइयां चालू रहेंगी। चीनी मिलें भी चलती रहें। रात में चलने वाली औद्योगिक इकाइयों के कार्मिकों को आवागमन की छूट दी जाए।




सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश में टीकाकरण कार्य को और तेज करने की जरूरत है। घोषित निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार चरणबद्ध रूप से जनपदों को चिन्हित करते हुए 100 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य तय किया जाए। मतदान तिथि के दस पहले तक संबंधित जनपद के हर एक नागरिक को टीका-कवर मिलना सुनिश्चित किया जाए। इस नवीन नीति के अनुसार विस्तृत कार्ययोजना आज सायं तक तैयार कर प्रस्तुत किया जाए।


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी जगह पर निगरानी समिति के साथ इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को पूरी तरह सक्रिय करें। गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डो में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां सतत क्रियाशील रहें। अब घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित किया जाए। उनकी सूची जिला प्रशासन को दी जाए। जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए।