20 February 2022

नई शिक्षा नीति : राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के प्री-पीएचडी (Pre PhD Course Work) कोर्स वर्क होंगे एक समान


उत्तर प्रदेश के सभी राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों में प्री-पीएचडी कोर्स वर्क ( Pre PhD Course Work ) एक समान होगा। शासन ने नई शिक्षा नीति के तहत सत्र 2022-23 से इसे लागू करने का निर्देश दिया है। सभी विश्वविद्यालयों में प्री-पीएचडी कोर्स की संरचना में एकरूपता लाने के लिए इस कोर्स वर्क में दो पेपर मुख्य विषय के छह-छह क्रेडिट के होंगे तथा एक पेपर चार क्रेडिट का होगा, जो उस मुख्य विषय से संबंधित रिसर्च मेथोडोलॉजी का होगा। इस तरह सभी विश्वविद्यालयों को 16 क्रेडिट के तीन पेपरों के पाठ्यक्रम अपनी पाठ्यक्रम समिति (बोर्ड आफ स्टडीज) व विद्वत परिषद (एकेडमिक काउंसिल) से अनुमोदित कराने को कहा गया है।





शोध परियोजना से पहले प्री-पीएचडी कोर्स वर्क करना अनिवार्य होता है। पाठ्यक्रम पुनर्संरचना की राज्य स्तरीय समिति के सुझावों के आधार पर जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि प्री-पीएचडी कोर्स वर्क में 16 क्रेडिट अर्जित करने वाले विद्यार्थी को उस मुख्य विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रिसर्च (पीजीडीआर) की उपाधि दी जाएगी। इस कोर्स वर्क में उत्तीर्ण करने के बाद ही विद्यार्थी को पीएचडी में शोध के लिए पंजीकृत किया जाएगा।

प्री-पीएचडी कोर्स वर्क में सैद्धांतिक पेपरों के अलावा एक शोध परियोजना भी होगी, जिसका स्वरूप विश्वविद्यालयों की पाठ्यक्रम समिति व विद्वत परिषद करेगी। सेवारत शिक्षकों को यह प्री-पीएचडी कोर्स पूरा करने के लिए भौतिक कक्षाओं के साथ-साथ आनलाइन प्रक्रिया को भी मान्यता दी गई है। इसके लिए प्रारूप व नियम विश्वविद्यालय बना सकते हैं।