शिक्षिका से छेड़खानी करने वाले आरोपी शिक्षक के खिलाफ मुकदमा, कई महीनों से मानसिक उत्पीड़न झेल रही थीं शिक्षिकाएं

बरेली:  स्कूल में शिक्षिका से छेड़खानी के मामले में फरीदपुर पुलिस ने गुरुवार देर शाम आरोपी शिक्षक पर मुकदमा दर्ज कर लिया। दिन में पीड़िता शिक्षिका ने पुलिस पर मुकदमा दर्ज करने के लिए बीएसए की अनुमति मांगने और आरोपी को बचाने का आरोप लगाया। हालांकि आरोपी शिक्षक को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।



भुता के एक कंपोजिट स्कूल का शिक्षक कई महीनों से अश्लील हरकतें करते हुए मोबाइल से फोटो और वीडियो बनाकर साथी शिक्षिका का मानसिक उत्पीड़न कर रहा था। बुधवार को आरोपी शिक्षिका को घसीटते हुए रसोई के भंडारण कक्ष में ले जाने लगा। इसी दौरान शिक्षिका का पति उसे लेने के लिए स्कूल पहुंच गया तो उसने विरोध किया। तब आरोपी शिक्षक ने शिक्षिका के पति को पीटा दिया। उच्च अधिकारियों तक मामला पहुंचने पर बीएसए विनय कुमार ने आरोपी शिक्षक को निलंबित कर दिया। बुधवार देर शाम ही पीड़ित शिक्षिका ने आरोपी के खिलाफ थाने में तहरीर दी। लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। गुरुवार को पीड़ित शिक्षिका दोबारा तमाम शिक्षकों के साथ थाने पहुंची। उसने पुलिस से मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के लिए बीएसए की मंजूरी मांगी। कार्रवाई के नाम पर समझौते का ही दबाव बनाया। इस पर सभी शिक्षक लामबंद हो गए। शिक्षकों ने कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस को संबंधित विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। गुरुवार देर शाम पुलिस ने आरोपी शिक्षक प्रदीप कुमार के खिलाफ छेड़खानी और मारपीट का मुकदमा दर्ज कर लिया। फरीदपुर इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह ने बताया कि शिक्षिका ने शिक्षक के खिलाफ छेड़खानी और मारपीट का आरोप लगाया था, जिसकी जांच कराई गई। शिक्षिका की तहरीर पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी जा रही है। उसे शीघ्र ही गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा। 

कई महीनों से मानसिक उत्पीड़न झेल रही थीं शिक्षिकाएं
कंपोजिट स्कूल में पीड़ित शिक्षिका के अलावा दो अन्य शिक्षिकाएं तैनात हैं। शिक्षिकाओं ने बताया जिस स्कूल में उनकी तैनाती है, उस स्कूल का रास्ता आरोपी शिक्षक के गांव से होकर निकलता है। आरोपी शिक्षक अक्सर गाली गलौज करते हुए शिक्षिकाओं का वीडियो बनाता था। शिक्षकों ने विभागीय अफसरों के अलावा कई बार मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करायी। लेकिन शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी उन शिकायतों को दबाते रहे। इससे आरोपी शिक्षक के इरादे और बुलंद हो गए।