Basic Shiksha News: कैसे होगी पढ़ाई, तीन माह बाद भी नहीं आई पुस्तकें

महराजगंज, परिषदीय विद्यालय में बीते अप्रैल माह से ही नया शैक्षणिक सत्र शुरू है, लेकिन अभी तक छात्रों को पढ़ने के लिए निशुल्क पाठ्य पुस्तकें नहीं आ पाई हैं। अधिकांश छात्र पुरानी किताबों से पढ़ाई कर रहे हैं। कुछ छात्र ऐसे भी हैं जिनके पास किताब ही नहीं है। विभाग का कहना है कि पाठ्य पुस्तकें शासन स्तर से आती हैं। उसके लिए टेंडर जारी हो चुका है। जुलाई माह से शासन से जिले में किताबें आनी शुरू हो जाएंगी। सत्यापन के बाद उसका वितरण छात्रों में करा दिया जाएगा। सवाल उठ रहा है कि नए सत्र के आरम्भ में ही छात्रों को विभाग नई पाठ्य पुस्तकें क्यों नहीं उपलब्ध करा पा रहा है।


बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों के शैक्षणिक परिवेश को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर बेहतर बनाने की सरकारी कोशिश जारी है। मिशन कायाकल्प से अवस्थापना सुविधा बेहतर बनाने के लिए भारी भरकम धनराशि खर्च की जा रही है। कम्पोजिट ग्रांट से विद्यालय व्यवस्था प्रबंधन के लिए छात्र संख्या के आधार पर एसएमसी के खाते में पहले की तुलना में अधिक धनराशि शासन से आ रही है। पढ़ाई के लिए बेहद जरूरी किताब भी छात्रों को समय से नहीं मिल पा रही हैं। जिले के परिषदीय विद्यालय में ढाई लाख से अधिक छात्रों का नामांकन है। प्रदेश में सरकार किसी भी दल का हो, लेकिन पाठ्य पुस्तकों के वितरण में देरी की समस्या पिछले डेढ़ दशक से है। जुलाई अगस्त से पहले पाठ्य पुस्तकें नहीं आ पाती हैं। जिले से लेकर ब्लाक व स्कूलों में किताबों के पहुंचने में अक्सर सितंबर-अक्तूबर माह गुजर जाता है। देर से किताब पहुंचने के बाद शिक्षक उसका वितरण छात्रों में करते हैं।


तेरह फर्म जिले में किताब की करेंगी आपूर्ति

बेसिक शिक्षा विभाग के मुताबिक जिले में किताबों की आपूर्ति के लिए टेंडर जारी हो चुका है। छपाई भी हो चुकी है। जिले में 13 फर्म पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति करेंगी। जुलाई माह के पहले सप्ताह से किताबें जिले में आनी शुरू हो जाएंगी। सत्यापन के बाद वितरण सुनिश्चित करा दिया जाएगा। विभाग का कहना है कि नई पाठ्य पुस्तक के अभाव में पढ़ाई प्रभावित नहीं है। क्योंकि पिछले सत्र समाप्ति के समय शिक्षक छात्रों से पुरानी किताबें एकत्र करा लिए थे।

परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पाठ्य पुस्तकें मुहैया कराने के लिए डिमांड भेजा जा चुका है। आपूर्ति के लिए जरूरी सभी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जैसे ही पाठ्य पुस्तकें आ जाएंगी वैसे ही वितरण करा दिया जाएगा।