नहीं जला चूल्हा तो कहीं नौनिहालों ने फेंका खाना,परिषदीय विद्यालयों में बनना था हलवा, ग्राम प्रधानों व शिक्षकों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी


बाराबंकी हर घर तिरंगा अभियान के तहत परिषदीय विद्यालयों में 11 से 17 अगस्त तक मिड-डे मील के अलावा विशेष व्यंजन दिए जाने का आदेश जिले में धड़ाम होते दिख रहा कुछ एक विद्यालयों में हलवा, मिठाई बेटी बाकी में न तो शिक्षकों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई और न ही ग्राम प्रधानों ने जिले के तमाम परिषयी विद्यालय ऐसे थे जहां मेन्यू के हिसाब से बच्चों को भोजन नहीं मिला तो कहीं एक सप्ताह से विद्यालयों में चूल्हा तक नहीं जला वहीं कहीं पर भोजन की गुणवत्ता खराब होने के चलते बच्चों ने इसे फेंक दिया और बिना खाना खाए ही वापस घर लौट गए। शनिवार को जिले के दर्जनों विद्यालयों का हाल लिया गया तो कुछ ऐसा ही नजारा सामने आया।
विद्यालय में सात दिन से नहीं जला चूल्हा

दरियाबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पहरूपुर में शनिवार की 38 बच्चे मौजूद थे। लकड़ी के चूहे पर खाना बन रहा था। एक किलो आलू की सब्जी बन रही थी। जबकि यहां के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तो पिछले सात दिन से चूल्हा तक नहीं जला।

व्यंजन दूर मिड-डे मील तक नहीं बना

हरख ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सतरिख देहात में 66 बच्चे दर्ज है। शनिवार को यहां रसोईयां भी नहीं आई थी। दो में से एक को बुखार आना बताया गया। बच्चों ने बताया कि हलवा मिठाई तो दूर की बात मिड-डे मील तक नहीं बन सका है।



आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान के दौरान बच्चों को विशेष व्यंजन देने 66 के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी लापरवाही की जा रही है उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी संतोष देव पांडेय, बीएसए