विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के बेरोजगारों का भत्ता देने को यूपी सरकार नहीं तैयार, सुप्रीम कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका





● सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका

● सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी स्पेशल अपील

प्रयागराज : विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच में प्रशिक्षण के बावजूद सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति से वंचित प्रदेशभर के तकरीबन 500 बेरोजगारों को प्रदेश सरकार भत्ता देने को तैयार नहीं है। इस मामले में रार बढ़ती जा रही है। दूरस्थ विधि से बीएड और विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बेरोजगारों को प्रशिक्षण पूरा होने के बाद से नियुक्ति तक 2500 रुपये प्रतिमाह भत्ता देने के आदेश पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका की है।

हाईकोर्ट ने 18 फरवरी 2020 को राज्य सरकार को शासनादेश के अनुसार बेरोजगारों को भत्ता देने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने 11 जुलाई को खारिज कर दी थी।

शासनादेश के अनुसार प्रशिक्षण पूरा होने की तिथि सितंबर 2014 से अब तक प्रत्येक बेरोजगार को सात साल नौ महीने का भत्ता 2500 रुपये प्रतिमाह की दर से 2.32 लाख मिलना चाहिए लेकिन सरकार की ओर से पिछले दिनों पुनर्विचार याचिका दायर होने के बाद पीड़ित बेरोजगारों जौनपुर के विजय मिश्र, कानपुर की वंदना सिंह, बलिया के नरेन्द्र प्रताप सिंह, निशा मिश्रा प्रयागराज, कप्तान सिंह मुजफ्फरनगर आदि का इंतजार बढ़ गया है।

तीन महीने में आदेश के अनुपालन का निर्देश

विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के अभ्यर्थियों की ओर से भत्ते के लिए दायर अवमानना याचिका में हाईकोर्ट ने दो दिसंबर को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार को तीन महीने में 18 फरवरी 2020 के आदेश का अनुपालन करने के आदेश दिए हैं।